राम रहीम और हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस लगातार पंचकूला हिंसा की जांच कर रही है। जिसके बाद अब हिंसा का सच सबके सामने आ गया है। पुलिस इनवेस्टिगेशन रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा की साजिश के तहत सबसे पहले राम रहीम के बरी होने की झूठी खबर लोगों तक फैलाई गई जिसके बाद असली खबर लोगों तक फैलाई और हिंसा को फैलाया गया।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के लिए काफी मात्रा में भीड़ जुटाई गई थी जिस कारण सरकार पर भी दबाव बनाया जा सके। इस भीड़ में पंचकूला नाम चर्चा घर का इंचार्ज चमकौर सिंह को खासतौर पर यहां बुलाया गया। जानकारी है कि चमकौर सिंह पंचकूला को अच्छी तरह से जानता था। चमकौर सिंह को भीड़ के खान-पान की व्यवस्था का डिपार्टमेंट सौंपा गया था। तथा भीड़ जुटाने का जिम्मा पवन इंसा और आदित्य इंसा को दिया गया था। इस सब के लिए सिरसा में 17 अगस्त को मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें सब चीजें निर्धारित की गई।
इस मीटिंग में सभी लोगों से ज्यादा से ज्यादा पैसों का बंदोबस्त करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद सीपी अरोड़ा (MSG का CEO) को पैसों का बंदोबस्त करना था। सूत्रों के हवाले से खबर है कि 17 अगस्त को सिरसा में हुई मीटिंग में सभी आरोपी शामिल थे। जानकारी है कि 30-35 लोगों के बीच चली मीटिंग में हिंसा की पूरी साजिश रची गई थी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुलिस ने अपनी इंवेस्टिगेशन में पाया है कि अगर राम रहीम को दोषी ठहराया गया तो हिंसा फैलाई जाएगी और अगर राम रहीम को बरी कर दिया गया तो जश्न मनाया जाता तथा जुलूस निकाला जाता।