featured यूपी राज्य

CM योगी के आदेश के बाद भी नहीं सुधर रहा ये महकमा, अधिकारी नहीं उठाते फोन

CM YOGI AND POLICE OFFICER CM योगी के आदेश के बाद भी नहीं सुधर रहा ये महकमा, अधिकारी नहीं उठाते फोन

नई दिल्ली। सूबे में योगी की सरकार है। सीएम आदित्यनाथ लगातार प्रशासन को चुस्त दुरूस्त करने के वादे कर रहे हैं। लेकिन हालते तस्वीर कुछ ऐसी है कि हालत तो दूर अधिकारियों के फोन तक नहीं उठते हैं। ये आलम केवल एक अधिकारी का नहीं है बल्कि सूबे के बड़े अफसरों के सीयूजी नम्बर या तो नॉट रिचेबल हैं या फिर कॉल डॉयवर्ड पर लगे हैं। ये हाल सूबे के सबसे जरूरी महकमें का है। जीं हां हम बात कर रहे हैं पुलिस महकमें की जहां पर सुनवाई तो पहले भी होती नहीं थी और अब हालत ये हो गई है कि अधिकारियों पर योगी की डांट का असर केवल चंद मिनट तक रहता है। इसके बाद फिर वही अधिकारी हैं, जो ना पहले सुधरे थे ना अब सुधरने का नाम ले रहे हैं।

CM YOGI AND POLICE OFFICER CM योगी के आदेश के बाद भी नहीं सुधर रहा ये महकमा, अधिकारी नहीं उठाते फोन

कैसे काम कर रहा है ये महकमा
आईये एक कहानी सुनाते हैं सूबे में सत्ता के लिए संग्राम था भाजपा लगातार तत्कालीन सरकार पर भाजपा ने गुण्डाराज का नाम दिया था। इसके साथ ही सत्ता में आते ही इसे खत्म करने की बाद कही थी। सत्ता मिली वादे दोहराए गये। सीएम बने योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुण्डे और अपराधी प्रदेश छोड़ दें। सूबे के प्रशासनिक ढांचे के बदला गया। अफसरों के तबादले हुए । अधिकारियों को जनता फ्रेंडली बनने का पाठ पढाया गया। लेकिन इसके बाद मथुरा, सहारनपुर, जेवर जैसे शर्मनाक कांडों ने सारी पोल खोल दी। सीएम योगी की सारी कवायद को उनके ही अधिकारियों ने पलीता लगा दिया। अभी इनकी आग शांत हुई थी कि मैनपुरी में पुलिसवाले की शर्मनाक हरकत का फुटेज आ गया। कि कैसे लिखी जाती है फर्जी एफआईआर कही पैसे लेकर तो कही जिस्म की भूख मिटाकर। वाह साहब वाह बहुत खूब है आपका प्रशासन और पुलिस।

अपराधी है पकड़ से दूर

आइये दूसरी तस्वीर दिखाते हैं तारीख 29 जिला सुल्तानपुर एक विवाहिता की गोली मार पर उसके ससुराली जनों द्वारा हत्या हो जाती है। पुलिस आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर लेती है। कांड के मुख्य आरोपी पति और ससुर की गिरफ्तार कर इतिश्री कर लेती है। लेकिन अब दूसरा पहलू है कि इस विवाहिता के दो अबोध बच्चे अभी तक लापता है। कांड के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस शांत है। जब इस मामले की जानकारी के लिए पीडित से लेकर मीडिया वाले उच्च अधिकारियों को फोन करते हैं तो फोन पर नम्बर या तो नॉट रिचेबल हैं या फिर कॉल डॉयवर्ड पर लगे आ रहे हैं।

सीओ से लेकर कप्तान और एडीजी का फोन नहीं लगता
एसएसपी सुल्तानपुर का फोन तो करीब 4 दिनों से कॉल डॉयवर्ड पर लगा है। फिर इस मामले की तफ्तीश कर रही सीओ लम्भुआ से अगर बात करनी हो तो मैडम फोन ही नहीं उठाती है। अगर गलती से एक से ज्यादा कॉल कर दी तो फोन नॉट रिचेबल या ऑफ बताने लगाता है। इसके बाद जब अधिकारियों से जबाब ना मिला तो उच्चअधिकारियों के पास फोन किया जाता है। सूबे में कानून-व्यवस्था की कमान सम्भाले एडीजी आदित्य मिश्रा साहब इनके भी फोन का हाल इसके अधिकारियों जैसा ही है पली बात तो फोन उठाता ही नहीं है। चाहे आग लगे या तूफान आये साहब तो साहब हैं। भाई साहब एक तो आईपीएस है दूसरे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर यानी एक तो करेला दूसरा नीम चढ़ा। अब इसको आप फोन करते रहिए फोन तो उठाने से रहे और ज्यादा फोन किया तो तो नॉट रिचेबल हैं या फिर कॉल डॉयवर्ड पर फोन जाने लगाता है।

ऐसे में जनता अपनी फरियाद और शिकायत करने कैसे जाये । शायद ये इसलिए भी हो रहा है कि कम शिकायतें दर्ज होगी कार्रवाई कम होगी तो सीएम साहब के सामने बेहतर लॉ एंड ऑर्डर की तस्वीर पेश होगी। लेकिन शायद ऐसा नहीं है । ये अधिकारियों को समझना होगा इनको जनता की सेवा करने की सेलरी मिलती है। जनता टैक्स देती है तो जनता की फरियाद सुनकर तत्काल कार्रवाई करना इनका नैतिक धर्म और कर्तव्य है। लेकिन साहब तो साहब है जनता मरे तो मरे इनके ऊपर ना असर होता है ना फर्क पड़ता है।

Piyush Shukla CM योगी के आदेश के बाद भी नहीं सुधर रहा ये महकमा, अधिकारी नहीं उठाते फोनअजस्र पीयूष

Related posts

कमलेश के कातिलों पर राज्य सरकार ने ढाई-ढाई लाख का इनाम किया घोषित

Trinath Mishra

महिला दिवस के अवसर पर एमडीडीए के उपाध्यक्ष ने महिला कर्मियों को भेंट किया गुल दस्ता

Vijay Shrer

कर्नाटक सरकार ने ऑनलाइन जुआ पर लगाया प्रतिबंध

Nitin Gupta