आतंकी गतिविधियों के बीच चल रही कांवड़ यात्रा मेले में कम फोर्स मिलने से पुलिस की चिंता बढ़ गई है। इस बार हाई-अलर्ट के बावजूद पीएसी-आइआरबी व अर्द्धसैनिक बल मांग के सापेक्ष नहीं मिला है। अमरनाथ में आतंकी हमले के बाद पुलिस अधिकारियों ने पुलिस मुख्यालय से संपर्क कर आवश्यकता के अनुरूप फोर्स उपलब्ध कराने की मांग की है।
दस जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है।
कांवड़ मेले की सुरक्षा की कमान अर्द्धसैनिक बल, सिविल पुलिस को सौंपी है। हरकी पैड़ी समेत गंगा घाटों और संवेदनशील-अतिसंवेदनशील क्षेत्रों समेत चप्पे-चप्पे पर चार हजार जवानों की तैनाती की गई है। हर साल कांवड़ मेले में कांवड़ियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जबकि देश-विदेश में हो रही आतंकी गतिविधियों को पहले से ही खुफिया विभाग ने बड़े आयोजनों को लेकर आतंकी घटना होने का इनपुट केंद्र व राज्य सरकार को दिया है।
लिहाजा कांवड़ मेला यात्रा में हाई-अलर्ट जारी किया गया है। इसके चलते हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने 15 कंपनी पीएसी-आइआरबी व आठ कंपनी अर्द्धसैनिक बलों की मांग पुलिस मुख्यालय से की थी। यह फोर्स दो चरणों में आनी है जिसमें पहले चरण का फोर्स आ चुकी है, जबकि दूसरे चरण का फोर्स पंद्रह जुलाई तक पहुंचेगा। मुख्यालय की ओर से आठ में से छह कंपनी अर्द्धसैनिक बल व पीएसी-आइआरबी की 13 कंपनी की हरी झंडी दी गई है। सीओ सिटी प्रकाशचंद देवली ने बताया कि फोर्स इस बार भी पिछले साल के कही बराबर मिला है, जबकि इस बार आतंकी घटनाओं के साथ कांवडियों की संख्या भी अधिक आने उम्मीद है। अब इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में पत्राचार किया है। उम्मीद है कि आवश्यकता के लिहाज से फोर्स मिलेगा। फिलहाल अर्द्धसैनिक बल में दो आरएएफ, दो आइटीबीपी, दो एसएसबी की तैनाती की है, जबकि पीएसी व आइआरबी मिलाकर आठ कंपनी मिली है।