मुंबई। महाराष्ट में दिनों दिन हमे बैंक घोटालो की खबरे मिलती रहती हैं, जिससे पता चलता हैं कि आरोपियों के हौसले कितने बुलंद हैं। इसी क्रम में आज एक और मामला मुंबई के ठाणे डिस्ट्रिक्ट की को-ऑपरेटिव बैंक से सामने आया हैं। यहाँ 2 करोड़ का फर्जी गोल्ड लोन घोटाला हुआ। इस घोटाले को पति-पत्नी ने बैंक मैनेजर और गोल्ड वैल्यूअर की मिलीभगत से अंजाम दिया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये प्रयास कर रही थी। हाल ही में पुलिस को सूचना मिली, कि आरोपी पति-पत्नी अपने गांव आ रहे हैं, सूचना के बाद पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया।
आरोपियों ने ऐसे दिया बैंक घोटाले को अंजाम-
बता दे कि मुंबई के ठाणे डिस्ट्रिक्ट की को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले का मामला सामने आया हैं। जिसके चलते महाराष्ट्र के पालघर जिले की मोखाडा पुलिस ने आरोपी हेमंत उदावंत और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही बताया गया है कि उदावंत और उसकी पत्नी 2016 से फरार चल रहे थे, दोनों ने 2016 में ठाणे डिस्ट्रिक्ट की को-ऑपरेटिव बैंक से दो करोड़ रुपये का फर्जी गोल्ड लोन लिया। आरोपी ने बैंक में अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों, ड्राइवर, कर्मचारियों व रिश्तेदारों के नाम से बैंक में कई खाते खुलवाये। इन खातों के जरिए नकली सोना गिरवी रख कर उस पर करीब दो करोड़ रुपए के लोन लिए गए। इसके साथ ही करीब 5.6 किलो नकली सोने की ज्वैलरी को बैंक में गिरवी रखते वक्त बैंक के गोल्ड वैल्यूअर ने उसे असली सोने के तौर पर सर्टिफाइड किया। इस तरह बैंक मैनेजर की ओर से उदावंत और उसके करीबियों को कई बार लोन मंजूर किया।
उदावंत और उसकी पत्नी को पुलिस ने किया गिरफ्तार-
वर्ष 2016 में एक व्हिस्ल ब्लोअर की वजह से ये घोटाला सामने आया, तब पुलिस ने बैंक मैनेजर, बैंक के सिक्योरिटी स्टाफ और वैल्यूअर समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन उदावंत और उसकी पत्नी पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके थे। जिसके चलते इस हफ्ते के शुरू में मोखाडा पुलिस को सुराग मिला कि उदावंत मोखाडा में अपने गांव में आने वाला है। जिसके बाद पुलिस अपना जाल बिछाकर उदावंत और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया।