चंडीगढ़। ‘सरबत खालसा’ से पहले कट्टर पंथी सिख संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लेने के बारे में पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। हिरासत में लिए गए लोगों में गुरदीप सिंह, परमिंदर सिंह और बठिंडा जिले से 30 और लोग भी शामिल हैं। इसके अलावे पुलिस इस मामले में अन्य कट्टरपंथी नेताओं की छापेमारी कर खोज कर रही है। बता दें कि कट्टरपंथी सिख संगठनों और नेताओं ने आठ दिसंबर को बठिंडा जिले के तलवंडी साबो कस्बे में ‘सरबत खालसा’ का आयोजन किया है।
यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब अगले साल के प्रारंभ में राज्य विधानसभा चुनाव होना है। कट्टरपंथी सिखों ने दोषी ठहराए गए खालिस्तानी आतंवादी जगतार सिंह हवारा को पिछले साल 10 नवंबर को अकाल तख्त का जत्थेदार (प्रमुख) नियुक्त करने की घोषणा की थी। अकाल तख्त सिख धर्म की सर्वोच्च संस्था है।अमृतसर के पास चाबा में आयोजित हुए सरबत खालसा में सिखों के सभी उच्च गुरुओं को हटा दिया गया था।
हवारा को पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की साजिश का दोषी पाया गया था। बेअंत सिंह की हत्या चंडीगढ़ में 31 अगस्त, 1995 को एक मानव बम ने कर दी थी। पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने बाद में अनौपचारिक ‘सरबत खालसा’ के सभी पारित प्रस्तावों को खारिज किया। पंजाब में सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल ने बाद में इस अनधिकृत सरबत खालसा में पारित सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। अकाली दल ने इस सरबत खालसा को ‘पंथ विरोधी बलों की सभा’ करार दिया है।