मेरठ में प्राधिकरण अधिकारियों और भूमाफियाओं की साठगांठ से बने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का दौर जारी है। ताजा मामला मेरठ के हापुड़ का है। जहां सोमवार सुबह से ही एक अवैध कॉम्प्लेक्स की 66 दुकानों पर ध्वस्थ किया गया। मेरठ के सबसे व्यस्तम बाजार में बने इस कॉम्प्लेक्स की कीमत करोड़ों में है।
आरोप है कि प्राधिकरण के अधिकारी अब तक रिश्वत लेकर कॉम्प्लेक्स बनवाते रहे। लेकिन अब मेरठ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और कमिश्नर प्रभात कुमार के निर्देशों पर प्राधिकरण के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। जिसके बाद सोमवार को एक साथ 66 दुकानें तोड़ने के लिए भारी पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अधिकारियों को भी तलब किया गया। लोगों के हल्के विरोध के बाद पुलिस प्रशासन और प्राधिकरण के अधिकारियों ने ध्वस्तीकरण अभियान चलाया। जिसमें 66 दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि करीब डेढ़ साल में बने इस कॉम्प्लेक्स को पहले रिश्वत लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों ने बनवाया और अब सत्ता परिवर्तन के बाद अवैध निर्माण बता कर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में सवाल यही है कि क्या उस समय की तत्कालीन रिश्वतखोर अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी या नहीं।