नई दिल्ली। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक में हुए साढ़े 11 हजार करोड़ के घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। शनिवार को इस घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने खुलासा करते हुए कहा है कि उसे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने के लिए रिश्वत मिलती थी और एलओयू के अमाउंट के आधार पर परसेंटेज फिक्स था। सीबीआई की पूछताछ में गोकुलनाख शेट्टी ने ये खुलासा किया है। आपको बता दें कि शेट्टी वही है जिसने इतनी बड़ी रकम बिना किसी कागजी कार्रवाई के नीरव मोदी को सौंप दी थी।
सीबीआई पूछताछ के दौरान शेट्टी ने बताया कि इस मामले में और भी बैंक अधिकारी शामिल है। शेट्टी के बयान के आधार पर अब सीबीआई इन अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है। दरअसल सीबीआई ने शनिवार को आधी रात में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों से घंटों पूछताछ की और पंजाब नेशनल बैंक से अहम दस्तावेज भी बरामद किए।सीबीआई तीनों को उसी ब्रांच में लेकर पहुंची जहां घोटाला हुआ। इन तीनों में गोकुलधान शेट्टी के अलावा मनोज खरात भी शामिल है। तीनों आरोपियों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के आधार पर बैंक से कई दस्तावेज भी जब्त किए गए। फिलहाल सीबीआई के राडार पर पीएनबी के 6 और कर्मचारी हैं।
गौरतलब है कि देश के बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े फ्रॉड में से एक पंजाब नेशनल बैंक के 11,500 करोड़ रुपये के घोटाले के खुलासे के बाद डायमंड किंग नीरव मोदी और गीतंजलि जेम्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी के खिलाफ सीबीआई की तरफ से शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है।नीरव मोदी और मेहुल चौकसी इस घोटाले का मुख्य आरोपी है और उसे देखते ही पकड़ने के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है। विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट निलंबित कर दिया है और इनके विदेश के आउटलेट्स पर भी कारोबार न करने का आदेश दिया जा चुका है।
दूसरी तरफ इस घोटाले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि साढ़े 11 हजार करोड़ का पूरा घोटाला एनडीए के समय में ही हुआ हैय़ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने इस आरोप के पक्ष में कई दस्तावेज भी जारी किए हैं। घोटाले की दूसरी बड़ी बात ये है इसमें शामिल आरोपी- नीरव मोदी और मेहुल चौकसी फरार हैंय़ नीरव यूरोप और मेहुल चौकसी अमेरिका में छिपा हुआ है।