अलीगढ़। आज के समय में शिक्षा के क्षेत्र को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भी देश के अलग-अलग हिस्सों में विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं। इसके साथ ही आज के दौर में छात्र पढ़ाई को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। इसी बीच बता दें कि मुहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज 1 दिसंबर 1920 को राजपत्र अधिसूचना के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बन गया था। जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय (एएमयू) के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। मोदी 22 दिसंबर को आयोजित ऑनलाइन समारोह में शिरकत करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने निमंत्रण स्वीकार करने पर पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री का आभार जताया है।
यूनिवर्सिटी के लिए शताब्दी वर्ष यादगार साल होता है- तारिक मंसूर
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय (एएमयू) के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने निमंत्रण स्वीकार करने पर पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि पीएम की उपस्थिति से देश और दुनिया में फैले एएमयू समुदाय को एक महत्वपूर्ण संदेश मिलेगा। तारिक मंसूर ने आगे कहा कि किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए शताब्दी वर्ष यादगार साल होता है। उन्होंने बताया कि इस समारोह के लिए राष्ट्रपति, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री समेत विभिन्न प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया है। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भी कार्यक्रम में भाग लेने की उम्मीद जताई है। तारिक मंसूर ने कहा कि कोविड-19 के कारण एएमयू तथा इसके विभिन्न संस्थानों और पूर्व छात्र संगठनों द्वारा कई कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं। कुलपति ने सभी वर्गों से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सहयोग करने की अपील भी की है।
जानें कब हुई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के बाद एएमयू के किसी भी समारोह में शामिल होने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। साल 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। गौरतलब है कि मुहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज 1 दिसंबर 1920 को राजपत्र अधिसूचना के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बन गया था। उसी साल 17 दिसंबर को एएमयू का औपचारिक रूप से एक विश्वविद्यालय के रूप में उद्घाटन किया गया था। 17 दिसंबर को तत्कालीन कुलपति मुहम्मद अली मुहम्मद खान राजा महमूदाबाद ने इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था।