नई दिल्ली: पीएम मोदी कल सोनिया गांधी के गढ़ यानि रायबरेली जाएंगे। जहां पीएम मोदी मॉडर्न कोच फैक्ट्री का भी दौरा करेंगे। इस प्रॉजेक्ट को मोदी सरकार अपनी फ्लैगशिप स्कीम ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता के उदाहरण के तौर पर पेश करती है।
उत्पादन का स्तर बीते 4 साल में 10 गुना तक बढा
यहां पीएम मोदी जोर-शोर से इस बात का प्रचार कर सकते हैं कि सोनिया गांधी के गढ़ में बनी फैक्ट्री किस तरह से दुनिया में रेल कोच बनाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर है। इस फैक्ट्री में उत्पादन का स्तर बीते 4 साल में 10 गुना तक बढ़ चुका है। 2014-15 में यहां 140 कोच तैयार हुए थे और 2018-19 में यह स्तर 1,422 तक पहुंच चुका है। अगले फाइनैंशल इयर तक यहां से 2,844 कोचों के प्रॉडक्शन का लक्ष्य है।
मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा रायबरेली
यहां पीएम मोदी जोर-शोर से इस बात का प्रचार कर सकते हैं कि सोनिया गांधी के गढ़ में बनी फैक्ट्री किस तरह से दुनिया में रेल कोच बनाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर है। इस फैक्ट्री में उत्पादन का स्तर बीते 4 साल में 10 गुना तक बढ़ चुका है। 2014-15 में यहां 140 कोच तैयार हुए थे और 2018-19 में यह स्तर 1,422 तक पहुंच चुका है। अगले फाइनैंशल इयर तक यहां से 2,844 कोचों के प्रॉडक्शन का लक्ष्य है।
यहां के दौरे से पीएम मोदी साफ तौर पर 2019 के आम चुनाव के लिए भी एक तरह से बढ़त दर्ज करने का प्रयास करेंगे। रेल मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि भारत अब बेहतरीन क्वॉलिटी के कोचों की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट के मार्केट में एंट्री के लिए तैयार है। यही नहीं कोरिया, जापान, चीन, जर्मनी और ताइवान जैसे देशों ने फैसिलिटी सेंटर का दौरा भी किया है।
कांग्रेस लगा रही है आरोप
अधिकारी ने कहा, ‘कई देश भारत को कोचों के मामले में मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि भारत में चीन, अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों के मुकाबले प्रॉडक्शन कॉस्ट खासी कम है।’ इसके चलते सरकार को चुनावी राजनीति में बढ़त मिलती दिख रही है। बता दें कि कांग्रेस मोदी सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम को सिर्फ नारा करार देते हुए कहती रही है कि इससे जमीन पर कुछ नहीं हुआ है।