पंजाब के हुसैनीवाला में बीेते को पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। ये मामला अब यह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले की मेंशनिंग चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच के सामने की गई है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 जनवरी हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक, सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने इस मामले से जुड़ी जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की सुरक्षा में चूक स्वीकार्य नहीं की जा सकती। याचिका में सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने पंजाब सरकार को उचित निर्देश देने, उत्तरदायी लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है। कहा गया है कि इस तरह की आगे ऐसी चूक नहीं होगी।
पंजाब सरकार ने जांच के लिए गठित की उच्च स्तरीय कमेटी
वहीं, इस मामले पर पंजाब सरकार ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। समिति में रिटायर्ड जज मेहताब सिंह गिल, प्रमुख सचिव (गृह मामलों) और न्यायमूर्ति अनुराग वर्मा शामिल होंगे. कमेटी 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को बीजेपी ने बेहद संख्त हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐसी घटना को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में जवाबदेही तय की जाएगी।
ये था मामला
बुधवार को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिरोजपुर में दौरा था। भारी बारिश के कारण पीएम को सड़क मार्ग से जाना पड़ा, लेकिन इस दौरान हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर रास्ते में प्रदर्शनकारी मिल गए, जिस कारण उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा।
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इस इलाके में पीएम मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता है। उसके बाद प्रधानमंत्री के काफिले को वापस लौटना पड़ा। इस कारण, फिरोजपुर में उनकी एक प्रस्तावित रैली और विकास योजनाओं के शिलान्यास संबंधी कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।