नई दिल्ली। 70 सालों के सूखे के बाद आखिरकार वैश्विक स्तर पर भारत और इजराइल के बाद दौरा शुरू हो गया है। भारत की तरफ से पहले प्रधानमंत्री के तौर पर पीएम नरेन्द्र मोदी 3 दिनों के इजराइल दौरे पर आज पहुंच गये हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इजराइल की धरती पर तेल अवीव एयरपोर्ट पर पहुंचे पीएम मोदी का सारे प्रोटोकॉल तोड़ पर इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गले लगा कर स्वागत हुआ। इस दौरा दोनों नेताओं ने एक दूसरे को तीन बार गले लगाया और एक दूसरे की पीठ थपथपाई।
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि बहुत-बहुत स्वागत है आपका मेरे दोस्त । इसके बाद उन्होने ने एयोरपोर्ट पर आये विशिष्ठ लोगों से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात कराई। इसके बाद दोनों देशों के राष्ट्रगान हुए। फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत में हवाई अड्डे पर ही एक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था।
प्रधानमंत्री के स्वागत में इजराइल डूबा
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर इजराइल में काफी उत्सुकता थी। वहां की मीडिया ने पहले ही इस बात का जिक्र अपने अखबारों की हेडिंग से कर दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का इनता भव्य स्वागत होना ये भारत के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए बड़ा आश्चर्य है। क्योंकि इजराइल में इतना स्वागत तो अमेरिकी राष्ट्रपति और पोप का ही होता है। इसके बाद पीएम मोदी का ये भव्य स्वागत हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में आयोजित सभा को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सम्बोधित करते हुए कहा कि इजराइल और भारत दोनों ही एक स्वभाविक दोस्त हैं। इजराइल को इस घड़ी का 70 सालों से इंतजार था। हम दोनों दोस्त साथ मिलकर अपने सम्बन्धों को एक नई ऊंचाई को खड़ा करेंगे। पीएम नेतन्याहू ने पीएम मोदी को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपने कहा था कि स्काई इज लिमिट लेकिन हम कहते हैं कि हमारे रिश्तों के स्काई की कोई लिमिट नहीं है। इजराइल और भारत के रिश्ते अंतरिक्ष तक हैं। इजराइल भारत के साथ हर क्षेत्र में खड़ा है। इसके साथ ही हम भारत के हर फैसले का स्वागत करते हैं। पीएम नेतन्याहू प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया का ही स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी हुए स्वागत से भावुक
इसके बाद मंच पर बोलने आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत इजराइली भाषा में पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और वहां की जनता का शुक्रया अदा किया अपने इस भव्य स्वागत और सम्मान के लिए पीएम मोदी ने अपने इजराइल दौरे को लेकर कहा कि उनके लिए इजराइल आना गर्व की बात है कि वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होने 70 सालों के पड़े इस दोस्ती के सूखे को दूर के लिए के लिए एक छोड़ी सी उड़ान भरी है। हम दोनों देशों के बीच ये दौरा एक बड़ी साझेदारी का प्रतीक होगा। इजराइल से न्यौता मिलना और यहां का दौरा करना मेरे लिए गर्व की बात है। भारत पुरानी सभ्यता का युवा देश है। जहां पर अपार सम्भावनाएं हैं। हम दोनों देश वैश्विक स्तर पर आंतकवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हम साथ मिलकर लड़ेंगे। मैं एक बार फिर अपने दोस्त बेंजामिन नेतन्याहू का शुक्रिया अदा करता हूं।
दोनों देशों के बीच यात्रा को लेकर बड़ी विदेश नीति
फिलिस्तीन और इजराइल के बीच विवाद को लेकर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इजराइल की यात्रा से हमेशा कतराते रहे हैं। इसके साथ ही फिलिस्तीन से भारत के रिश्ते इंदिरा गांधी के जमाने थे। जिसको आगे के सभी प्रधानमंत्री ने दोहराते हुए बनाए रखा था। जिसके चलते वो इजराइल की यात्रा से कतराते रहे हैं। लेकिन इजराइल ने भारत की हमेशा बुरे वक्त में मदद कर अपनी भारत के प्रति सच्ची वफादारी को निभाया है। रक्षा के मामले में इजराइल की सैन्य व्यवस्था विश्व में एक नम्बर की मानी जाती है। इसके साथ ही इजराइल की रक्षा तकनीति भी सबसे कारगर और सफल तकनीकियों में से एक है। भारत को इजराइल रक्षा के क्षेत्र में काफी मदद करता रहा है। कारगिल युद्ध के समय भी इजराइल ने भारत की कई उपकरणों को लेकर मदद की थी। इस वक्त भारत को पाकिस्तान की तरफ से प्रायोजित आतंकवाद के साथ चीन से भी सीमा को लेकर विवाद का खतरा उत्पन्न हो गया है। इजराइल ने चीन को तकनीकि देने और उपकरणों को देने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में भारत का इजराइल दौरा पड़ोसी देशों के लिए एक बड़ा मैसेज है। इसीलिए 70 सालों की विदेश नीति में बदलाव कर प्रधानमंत्री मोदी ने इजराइल दौरा किया है।
अजस्र पीयूष