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पीएम मोदी 3 जनवरी को जालंधर में 106वें ISC-2019 का उद्घाटन करेंगे

पीएम मोदी विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करेंगे.. पीएम मोदी 3 जनवरी को जालंधर में 106वें ISC-2019 का उद्घाटन करेंगे

विश्‍व की सबसे बड़ी विज्ञान बैठक ‘भारतीय विज्ञान कांग्रेस‘ (आईएससी)-2019 का आयोजन 3 से 7 जनवरी, 2019 को पंजाब के जालंधर में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 3 जनवरी को ‘भविष्‍य का भारत,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’विषय वस्‍तु पर आधारित आईएससी-2019 के 106वें संस्‍करण का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कई नोबेल पुरस्‍कार विजेताओं, भारत के केन्‍द्रीय मंत्रियों, विज्ञान के नीति निर्माताओं, प्रशासकों, विख्‍यात वैज्ञानिकों, भारत एवं विदेशों के युवा स्‍त्री–पुरूष शोधकर्ताओं एवं स्‍कूली बच्‍चों सहित लगभग 30,हजार प्रतिनिधियों को भी संबोधित करेंगे।

पीएम मोदी विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करेंगे.. पीएम मोदी 3 जनवरी को जालंधर में 106वें ISC-2019 का उद्घाटन करेंगे
पीएम मोदी 3 जनवरी को जालंधर में 106वें ISC-2019 का उद्घाटन करेंगे

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करीब 5 दिनों तक चलने वाले इस कांग्रेस में लगभग 100 से अधिक सम्‍मेलनों एवं विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मूल के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें डीआरडीओ, इसरो, डीएसटी, एम्‍स, यूजीसी, एआईसीटीई एवं अमेरिका, ब्रिटेन, भारत एवं अन्‍य देशों के कई उत्‍कृष्‍ट विश्‍वविद्यालयों के विख्‍यात व्‍यक्ति भाग लेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा वस्‍त्र मंत्री स्‍मृति ईरानी सहित केन्‍द्रीय मंत्री भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।

केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का विश्‍वास है कि ‘भविष्‍य का भारत,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’ विषय वस्‍तु पर आधारित आईएससी-2019 का 106वां संस्‍करण यह प्रदर्शित करने में सहायक होगा कि क्‍या किया जा रहा है, क्‍या किया जा सकता है और भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकियों के भविष्‍य को क्‍या निर्धारित करेगा। डॉ. हर्षवर्धन ने अपने संदेश में कहा कि सरकार का उद्देश्‍य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का लाभ समाज के आखिरी व्‍यक्ति तक पहुंचाना है। एक केन्‍द्र बिन्‍दु होने के नाते वैज्ञानिकों को देश के सामने आने वाली समस्‍याओं के नवीन समाधानों को ढूंढने में अपना दिल और आत्‍मा लगा देनी चाहिए और आम लोगों के जीवन स्‍तर में बेहतरी लानी चाहिए।

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बता दें कि यह कार्यक्रम वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयासों को प्रोत्‍साहित करने और देश एवं विश्‍व में वैज्ञानिक प्रकृति बढ़ाने में केन्‍द्रीय भूमिका निभा सकता है। जो नोबेल पुरस्‍कार विजेता इस कार्यक्रम में भाग लेंगे, उनमें जर्मन-अमेरिकन मूल के बायोकैमिस्‍ट प्रोफेसर थॉमस सुडोफ, जिन्‍हें वेसिकल ट्रैफिकिंग पर कार्य करने के लिए फिजियोलॉजी या मेडिसन में 2013 का नोबेल पुरस्‍कार प्रदान किया गया है। हंगरी में जन्‍मे इस्राइल के बायोकेमिस्‍ट एवं रसायन शास्‍त्र में नोबेल पुरस्‍कार विजेता प्रोफेसर अवराम हेर्शको , ब्रिटेन में जन्‍में फिजिसिस्‍टट फ्रे‍डरिक डंकन माइकल हॉलडेन जिन्‍हें 2016 में भौतिकशास्‍त्र का नोबेल पुरस्‍कार प्रदान किया गया है, शामिल हैं।

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