नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में आज किसान आंदोलन को 28वां दिन है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डेरा डाल रखा है। इसके साथ ही दूसरे राज्यों के किसान भी दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन किसी में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कहा कि आंदोलनकारी किसानों से सरकार खुले मन से बातचीत को तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा कि हर आंदोलन का हल बातचीत से ही निकलेगा। मैं पूरी तरह आशावान हूं कि आंदोलनरत किसान बातचीत करेंगे। मेरी प्रार्थना है किसानों से कि वो किसान क़ानून की भावना को समझें। 25 दिसंबर यानि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी किसानों से फिर संवाद करेंगे। इस बार अवध के किसानों के पीएम मोदी नए कृषि कानूनों की खूबियां बताएंगे।
पीएम पूरे उत्तर प्रदेश में ढाई हजार किसानों के चौपाल के साथ जुड़ेंगे-
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर को पूरे उत्तर प्रदेश में ढाई हजार किसानों के चौपाल के साथ जुड़ेंगे। बीजेपी पूरे प्रदेश में ढाई हजार से अधिक जगहों पर किसानों से संपर्क का अभियान चलाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे। उत्तर प्रदेश में किसानों को जोड़ने का यह सबसे बड़ा मेगा कार्यक्रम होने जा रहा है। अकेले अवध में 377 जगह होंगे। जबकि पूरे उत्तर प्रदेश में ढाई हजार से ज्यादा जगहों पर कार्यक्रम होंगे। तोमर ने बताया कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत वित्तीय लाभ की अगली किस्त 25 दिसंबर को दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी करेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि 25 दिसम्बर को अटल जी का जन्मदिन है। भारत सरकार सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। 10 करोड़ 59 लाख किसानों को 96000 करोड़ ट्रांसफर किया जा चुका है। 18000 करोड़ रुपया 9 करोड़ किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 6 राज्यों के 6 किसानों के साथ पीएम संवाद करेंगे। कल शाम तक 2 करोड़ किसान इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।