नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में चल रहे 12 दिवसीय कॉप -14 को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में दुनिया के 190 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसमें धरती पर जलवायु परिवर्तन, नष्ट होती जैव विविधता, मरुस्थलीकरण जैसे बढ़ते खतरों से निपटने को लेकर मंथन होगा।
बता दें कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दो सितंबर से शुरू हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। यह संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन के तहत अयोजित होने वाला 14वां सम्मेलन है। इसका कार्यक्रम का आयोजन दुनिया को बढ़ते मरुस्थलीकरण से बचाने की मुहिम के तहत किया गया है। इस बार भारत इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। इस सम्मेलन में अभी तक दुनिया भर के वैज्ञानिक अपने अपने मुल्कों की समस्याएं और उनके निपटने को लेकर उठाए गए कदमों को साझा कर चुके हैं।
वहीं माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए भारत पूरी दुनिया को मरुस्थलीकरण से निपटने को लेकर संदेश देगा। UNCCD के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थीव ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं। हालांकि, इससे ज्यादा जानकारी देने से उन्होंने इनकार कर दिया। भारत में पहली बार बड़े स्तर पर यह कार्यक्रम हो रहा है। मौजूदा वक्त में भारत संयुक्त राष्ट्र की भूक्षरण के खिलाफ चल रहे अभियान का प्रमुख है। भारत साल 2020 तक इस सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इससे पहले चीन इस सम्मेलन की अध्यक्षता करता आया है। साल 2017 में भी चीन ने ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
सूत्रों ने बताया कि 13 सितंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन से जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, मरुस्थलीकरण जैसी समस्याओं का सामना करने के लिए रोडमैप सामने आ सकता है। इंसान की आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती भविष्य में भी सुरक्षित बनी रहे। भारत इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकता है। यही वजह है कि कॉप-14 की मेजबानी को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होने वाले इस उच्च स्तरीय सत्र पर दुनिया भर की निगाहें रहेंगी। पीएम मोदी और सीएम योगी की सुरक्षा में डेढ़ हजार जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। कॉन्फ्रेंस हॉल में यूएन सुरक्षा एजेंसी और एसपीजी के जवान मुस्तैद रहेंगे और चप्पे-चप्पे पर उनकी नजर होगी।