नई दिल्ली। 20 जनवरी को अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने कई बड़े फैसले लिए जिसमें एच1बी वीजा भी अहम मुद्दा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ट्रंप प्रशासन द्वारा कुशल पेशेवरों की आवाजाही मामले में संतुलित और दूरदर्शी नजरिया अपनाने पर जोर दिया है।
पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से बातचीत के दौरान इस मुद्दे को उठाया और कहा कि भारतीय प्रफेशनल्स पर पाबंदी सही कदम नहीं होगा। ये ऐसा पहला अवसर है जब पीएम ने किसी मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की समृद्धि में भारत योगदान का भी जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय प्रफेशनल्स ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अहम रोल है वो कानून का पालन करने वाले और समाज में घुल मिलकर रहने वाले लोग हैं।
इसके अलावा पीएमओ की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मोदी ने उन सभी क्षेत्रों पर अपने विचार उनके सामने रखे जहां देश और नजदीकी से काम करते हैं। इन क्षेत्रों में लोगों के बीच बेहतर संपर्क महत्वपूर्ण है जिसका पिछले कई सालों के दौरान एक दूसरे की समृद्धि में योगदान रहा है।
जानिए क्या हैं एच1बी वीजा?
-ये अमेरिका में तैयार किया गया नया बिल है।
-इसके तहत एच 1 बी वीजा उन्हीं पेशेवरों को मिलेगा जिनका न्यूनतम वेतन एक लाख 30 हजार अमेरिकी डॉलर होगा।
-इस समय सीमा 60 हजार अमेरिकी डॉलर है।
-ट्रंप के शासक बनने के बाद एच 1 बी और एल 1 जैसे वीजा कार्यक्रमों की नए सिरे समीक्षा का फैसला किया था।