पीएम मोदी इन दिनों ब्रिक्स सम्मेलन में व्यस्थ चल रहे हैं। ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेते हुए पीएम मोदी ने ब्रिक्स देशों पर बदलाव की जिम्मेदारी की बात कही है। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए ब्रिक्स देशों को एकजुट रहना जरूरी है और अगला एक दशक काफी अहम है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स में पांचों देश एक स्तर पर हैं और ब्रिक्स देशों को आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य शिक्षा और स्वच्छता है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स बैंक ने विकास के लिए कर्ज देना भी शुरु कर दिया है और डिजिटल क्रांति के जरिए भारत विकास की तरफ जोर दे रहा है। पीएम ने कहा कि हमने काले धन के खिलाफ जंग शुरु कर दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मतभेदों के बाद भी ब्रिक्स में पांचों देश एक स्तर पर हैं। वही पीएम ने कहा कि भारत एक युवा देश है और यही हमारी ताकत है।
पीएम ने कहा कि भारत के 80 करोड़ युवा हमारी ताकत हैं तथा भारत में गरीबी से लड़ने के अलावा स्वच्छता अभियान भी चलाया हुआ है। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए आपसी सहयोग जरूरी है और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना होगा तथा अगला एक दशक काफी अहम है। चीन के श्यामन में हो रहे इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर का भी जोरदार स्वागत किया गया है। आपको बता दें कि ब्रिक्स देशों में दक्षिण अफ्रिका, चीन, भारत, ब्राजील, रूस शामिल हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि दो महीने से भी ज्यादा चले डोकलाम विवाद के बाद पीएम मोदी पहली बार चीनी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात करने वाले हैं। ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के बाद 5 सितंबर को पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अलग से मुलाकात होने वाली है।