नई दिल्ली: पीएम मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने थाईलैंड की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों वैसे ही एक प्राकृतिक आपदा की घटना ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया, मानव-मन को झकझोर दिया। आप सब लोगों ने टी.वी. पर देखा होगा, थाईलैंड में 12 किशोर फुटबॉल खिलाड़ियों की टीम और उनके कोच घूमने के लिए गुफा में गए।
बाहर निकलते समय बंद हो गया रास्ता
साथ ही उन्होंने कहा कि वहां आमतौर पर गुफा में जाने और उससे बाहर निकलने, उन सबमें कुछ घंटों का समय लगता है। लेकिन उस दिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जब वे गुफा के भीतर काफी अन्दर तक चले गए– अचानक भारी बारिश के कारण गुफा के द्वार के पास काफी पानी जम गया। उनके बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया। कोई रास्ता न मिलने के कारण वे गुफा के अन्दर के एक छोटे से टीले पर रुके रहे– और वो भी एक-दो दिन नहीं– 18 दिन तक।
कैसे निकाला जा सकता है बाहर
वहीं दुनिया भर में लोग इन बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे थे। यह पता लगाने का हर-संभव प्रयास किया गया कि बच्चे हैं कहां, किस हालत में हैं। उन्हें कैसे बाहर निकाला जा सकता है। अगर बचाव कार्य समय पर नहीं हुआ तो मानसून के सीजन में उन्हें कुछ महीनों तक निकालना संभव नहीं होता।
पूरा ऑपरेशन कैसा चला
आगे कहा कि खैर जब अच्छी खबर आयी तो दुनिया भर को शान्ति हुई, संतोष हुआ, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को एक और नजरिये से भी देखने का मेरा मन करता है कि पूरा ऑपरेशन कैसा चला। हर स्तर पर जिम्मेवारी का जो अहसास हुआ वो अद्भुत था। सबके-सब लोग एक टीम बनकर अपने मिशन में जुटे हुए थे। हर किसी का संयमित व्यवहार– मैं समझता हूं एक सीखने जैसा विषय है, समझने जैसा है। इस पूरे ऑपरेशन में थाईलैंड की नौसेना के एक जवान को अपनी जान भी गंवानी पड़ी।