नई दिल्ली। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री इडाप्पडी के. पलानीस्वामी जी, मेरे सहयोगी, रमेश पोखरियाल निशंक, उप मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम जी, आईआईटी मद्रास के अध्यक्ष, शासक मंडल के सदस्य, इस महान संस्थान के निदेशक, शिक्षक गण, विशिष्ट अतिथिगण और स्वर्णिम भविष्य के कगार पर खड़े मेरे नौजवान मित्रों, आज यहां मौजूद रहना मेरे लिए अपार हर्ष की बात है।
मेरे सामने लघु-भारत और नए भारत का उत्साह दोनों मौजूद हैं। यहां ऊर्जा, जीवंतता और सकारात्मकता है। अब जबकि मैं आपको डिग्री प्रदान कर रहा हूं, मैं आपकी आंखों में तैरते भविष्य के सपनों को देख सकता हूं। मैं आपकी आंखों में भारत के भाग्य को देख सकता हूं।
उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के अभिभावकों को मैं बधाई देता हूं। उनके गर्व और हर्ष की कल्पना कीजिए। उन्होंने आपको जीवन के इस मुकाम तक लाने के लिए संघर्ष किया है, त्याग किए हैं। उन्होंने आपको पंख प्रदान किए, ताकि आप उड़ान भर सकें। आपके शिक्षकों की आंखों में भी गर्व की झलक है। अपने अथक प्रयासों की बदौलत उन्होंने केवल अच्छे इंजीनियर ही नहीं, बल्कि अच्छे नागरिक भी तैयार किए हैं।
मैं सहायक स्टाफ की भूमिका पर भी प्रकाश डालना चाहता हूं। पर्दे के पीछे रहने वाले ये लोग खामोशी से आपका भोजन पकाते हैं, आपके क्लास रूम्स को साफ रखते हैं, छात्रावासों को साफ रखते हैं। आपकी कामयाबी में उनकी भी भूमिका है। आगे बढ़ने से पहले, मैं अपने विद्यार्थी मित्रों से अनुरोध करूंगा कि वे अपने स्थान पर खड़े हों और अपने अध्यापकों, माता-पिता और सहायक स्टाफ का उत्साहपूर्वक अभिनंदन करें।
यह एक विलक्षण संस्था है। मुझे बताया गया है कि यहां पर्वत चलते हैं और नदियां स्थिर रहती हैं। हम तमिलनाडु राज्य में हैं, जो एक विशिष्ट स्थल है। यह दुनिया की प्राचीनतम भाषाओं में से एक- तमिल का घर है और यह भारत की नवीनतम भाषाओं में से एक – आईआईटी-मद्रास भाषा- का घर है। यहां काफी कुछ ऐसा है, जिसकी कमी आपको महसूस होगी। आप निश्चित रूप से सारंग और शास्त्र की कमी महसूस करेंगे। आप अपने विंग के साथियों की कमी महसूस करेंगे। और कुछ ऐसा है, जिसकी कमी आप महसूस नहीं करेंगे। खासतौर पर, आप अब बिना किसी हिचकिचाहट के टॉप क्वालिटी फुटवियर खरीद सकेंगे।
आप सचमुच भाग्यशाली हैं। आप एक ऐसे दौर में इस बेहतरीन कॉलेज से विद्या अर्जित करके निकल रहे हैं, जबकि विश्व भारत को विलक्षण अवसरों की धरती के रूप में देख रहा है। मैं हाल ही में अमरीका की सप्ताह भर की यात्रा के बाद स्वदेश लौटा हूं। इस यात्रा के दौरान, मैंने अनेक राष्ट्राध्यक्षों, प्रमुख उद्योगपतियों, नवोन्मेषकों, उद्यमियों, निवेशकों से मुलाकात की। हमारी चर्चाओं में एक बात सामान्य थी। वह थी- नए भारत के बारे में आशावाद और भारत के नौजवानों की योग्यताओं में विश्वास।
भारतीय समुदाय ने दुनिया भर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। खासतौर पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में। इन क्षेत्रों को बल कौन प्रदान कर रहा है? उनमें से अधिकांश आईआईटी के आपके वरिष्ठ साथी हैं। इस तरह, आप वैश्विक स्तर पर ब्रांड इंडिया को मजबूत बना रहे हैं। इन दिनों में, मैं यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले युवा अधिकारियों से मुलाकात कर रहा हूं। अनेक आईआईटी स्नातक आपको और मुझे दोनों को हैरान कर देंगे! इस तरह आप भी भारत को ज्यादा विकसित स्थान बनाने में योगदान दे रहे हैं। और कारपोरेट जगत में जाने पर आप अनेक ऐसे लोग मिलेंगे, जिन्होंने आईआईटी में पढ़ाई की है। इस प्रकार, आप भारत को ज्यादा समृद्ध बना रहे हैं।