PM Modi Mann Ki Baat LIVE || प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात कार्यक्रम के 88वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। पिछले कार्यक्रम में पीएम मोदी ने निर्यात के 30 लाख करोड़ लक्ष्य को हासिल करने की बात कही थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस दुनिया में भारतीय उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। वही आज के मन की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने पीएम म्यूजियम का जिक्र किया।
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— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2022
पीएम म्यूजियम का किया जिक्र
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा आने वाले दिनों में जब भी हम खुशी म्यूजियम को देखने जाए तो उसे देशवासियों के साथ साझा जरूर करें इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पीएम संग्रहालय में कुछ ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में लिखा है जो उनकी जिज्ञासा को और बढ़ाने वाली है जैसे लाल बहादुर शास्त्री का वह चरखा देखकर मुझे बेहद खुशी हुई जो उन्हें ससुराल से उपहार के स्वरुप में मिला था।
डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ने की अपील
पीएम मोदी ने इस दौरान डिजिटलाइजेशन का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में BHIM UPI तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है। आप भी UPI की सुविधा को रोजमर्रा के जीवन में महसूस करते होंगे। इस समय हमारे देश में करीब 20 हजार करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हर दिन हो रहे हें।
प्रतिभावान दिव्यांगजन
टेक्नोलॉजी ने एक और बड़ा काम किया है। ये काम है हमारे दिव्यांग साथियों की असाधारण क्षमताओं का लाभ देश और दुनिया को दिलाना। हमारे दिव्यांग भाई-बहन क्या कर सकते हैं ये हमने टोक्यो ओलंपिक में देखा है।
देश आजकल लगातार संसाधनों को, इंफ्रास्ट्रक्चर को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जो दिव्यांग कलाकार हैं उनके काम को दुनिया तक पहुंचाने के लिए भी एक इनोवेटिव शुरुआत की गई है।
आजादी के 75 साल में बनाए जाएंगे 75 अमृत सरोवर
इस समय आजादी के 75वें साल में,आजादी के अमृत महोत्सव में, देश जिन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहा है,उनमें जल संरक्षण भी एक है। अमृत महोत्सव के दौरान देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे।
पानियम् परमम् लोके, जीवानाम् जीवनम् समृतम् अर्थात संसार में जल ही हर जीव के, जीवन का आधार है और जल ही सबसे बड़ा संसाधन भी है, इसलिए तो हमारे पूर्वजों ने भी जल संरक्षण पर इतना जोर दिया।
जल से जुड़ा हर प्रयास हमारे कल से जुड़ा है। इसमें पूरे समाज की ज़िम्मेदारी होती है। इसके लिए सदियों से अलग-अलग समाज,अलग-अलग प्रयास लगातार करते आये हैं।