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‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने किया सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र

पीएम मोदी को पर्यावरण क्षेत्र में काम के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान से किया गया सम्मानित

नई दिल्ली : देश की जनता से 48वीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक से की। इसकी दूसरी वर्षगांठ पर उन्होंने कहा कि शनिवार को भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने, पराक्रम पर्व मनाया था। शायद ही कोई भारतीय होगा जिसे हमारे सशस्त्र बलों पर, हमारे सेना के जवानों पर गर्व न हो। भारतीय चाहें वो किसी भी क्षेत्र, जाति, धर्म, पंथ या भाषा का क्यों न हो- हमारे सैनिकों के प्रति अपनी खुशी अभिव्यक्त करने और समर्थन दिखाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।

पीएम मोदी
पीएम मोदी

शांति सेना का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा

शांति सेना का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है। 20वीं सदी में दो विश्वयुद्धों में हमारे एक लाख से अधिक सैनिकों ने शांति के प्रति अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। आज भी यूएन की अलग-अलग शांति सेना में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है।

राष्ट्र को 2 अक्टूबर का महत्व बताते हुए मोदी ने कहा कि 2 अक्टूबर हमारे राष्ट्र के लिए इस दिन का क्या महत्व है, इसे बच्चा-बच्चा जानता है। इस वर्ष का 2 अक्टूबर का और एक विशेष महत्व है। अब से 2 साल के लिए हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के निमित्त विश्वभर में अनेक विविध कार्यक्रम करने वाले हैं।

मन की बात में लाल बहादुर शास्त्री का जिक्र

मन की बात में लाल बहादुर शास्त्री का जिक्र करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कहते हैं कि लाल बहादुर शास्त्री जी खादी के पुराने या कटे-फटे वस्त्रों को भी इसलिए सहेज कर रखते थे क्योंकि उसमें किसी का परिश्रम छुपा होता है। वे कहते थे ये सब खादी के कपड़े बड़ी मेहनत से बनाए हैं- इसका एक-एक सूत काम आना चाहिए।

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पीएम ने आगे कहा कि देश से लगाव और देशवासियों से प्रेम की ये भावना छोटे से कद-काठी वाले उस महा-मानव के रग-रग में रची-बसी थी। दो दिन बाद पूज्य बापू के साथ ही हम शास्त्री जी की भी जयंती मनाएंगे। लाल बहादुर शास्त्री जी की ये विशेषता थी कि बाहर से वे अत्यधिक विनम्र दिखते थे परन्तु भीतर से चट्टान की तरह दृढ़ निश्चयी थे। ‘जय जवान जय किसान’ का उनका नारा उनके इसी विराट व्यक्तित्व की पहचान है।’

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मध्यप्रदेश की राजमाता सिंधिया के बारे में पीएम मोदी ने कहा, ‘अक्टूबर का महीना हो, जय प्रकाश नारायण जी की जन्म-जयन्ती हो, राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी के जन्म शताब्दी वर्ष का प्रारंभ होता हो- ये सभी महापुरुष हम सब को प्रेरणा देते रहे हैं उनको हम नमन करते हैं और 31 अक्टूबर सरदार साहब की जयंती है, मैं अगली ‘मन की बात’ में विस्तार से बात करूंगा लेकिन आज मैं जरुर इसलिए उल्लेख करना चाहता हूं कि कुछ वर्षों से सरदार साहब की जन्म-जयंती पर 31 अक्टूबर को हिंदुस्तान के हर छोटे-मोटे शहर में, कस्बों में, गांवों में ‘एकता के लिए दौड़’ का आयोजन होता है।’

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