नई दिल्ली। विधानसभा चुनावों के खत्म होने के बाद मंगलवार को हुई भाजपा बोर्ड की बैठक के बाद इस बात की उम्मीद एक बार फिर से तेज हो गई है कि मोदी के कैबिनेट के चेहरे शामिल हो सकते हैं। संसद का बजट सत्र खत्म होने के बाद 12 अप्रैल को पीएम मोदी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। कई महत्वपूर्ण पदों के रिक्त हो जाने और कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में जोड़ने के मद्देनजर यह फेरबदल सरकार की लिस्ट में है। फेरबदल में कुछ नए चेहरे जोड़े जा सकते हैं और कुछ राज्य मंत्रियों का प्रमोशन भी हो सकता है।
मोदी सरकार जहां अपने कार्यकाल का तीसरा वर्ष पूरा करने जा रही है, वहीं यह नए चेहरों को जोड़कर मुख्य मंत्रालयों को मजबूत करना चाहेगी। गौरतलब है कि मनोहर पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर रक्षा मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी आ गई है।
रक्षा मंत्रा और वित्त मंत्रालय दोनों की जिम्मेदारी से उनपर काम का बोझ बढ़ गया है। 2014 में भाजपा की जीत के बाद रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी जेटली के पास थी, जिसके बाद पर्रिकर को गोवा से बुलाकर रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एक तरफ जहां जेटली को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी उठानी है, वहीं उन्हें रक्षा मंत्री होने के नाते इस क्षेत्र के लिए वित्तीय मांग करनी है जिससे वह बेहद जटिल परिस्थिति के बीच फंस गए हैं।
मोदी सरकार ने पिछले साल जुलाई में कैबिनेट का विस्तार किया था। एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी को कपड़ा मंत्रालय सौंप दिया गया था, जबकि उनकी जगह प्रकाश जावड़ेकर को एचआरडी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वेंकैया नायडू को जेटली की जगह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था, वहीं पत्रकारिता से राजनीति में आए एम.जे. अकबर को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया था।