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11 दिसंबर के बाद उच्चस्तरीय बैठक कर बड़ा फैसला लेंगे पीएम मोदी: धर्मगुरु रामभद्राचार्य

Ramchandracharya 11 दिसंबर के बाद उच्चस्तरीय बैठक कर बड़ा फैसला लेंगे पीएम मोदी: धर्मगुरु रामभद्राचार्य

नई दिल्ली। मोदी सरकार पर राम मंदिर निर्माण को लेकर बढ़ते दबाव के बीच धर्मगुरु रामभद्राचार्य ने दावा किया है कि 11 दिसंबर के बाद उच्चस्तरीय बैठक कर बड़ा फैसला लिया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद की ओर से अयोध्या में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए रविवार को उन्होंने कहा, ’23 नवंबर को केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के साथ चर्चा हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि 11 दिसंबर को चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधु-संतों के साथ बैठेंगे और राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा फैसला लिया जाएगा।’ वीएचपी लीडर ने कहा, ‘हमें यह भी बताया गया है कि हमसे धोखाधड़ी नहीं की जाएगी। संसद के शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाया जा सकता है, ऐसे में हमें धैर्य रखना चाहिए। न्यायालय से हम निराश हो चुके हैं।

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बता दें कि जनता की अदालत हमें धोखा नहीं देगी।’ केंद्रीय मंत्री का नाम न बताते हुए रामभद्राचार्य ने कहा, ‘उन्होंने मुझे नाम न बताने को कहा है इसलिए मैं ऐसा नहीं कर सकता हूं।’ उन्होंने कहा कि मैंने उनसे पूछा कि राम मंदिर के लिए हमें कब तक इंतजार करना पड़ेगा। इस पर उन्होंने (केंद्रीय मंत्री) जवाब दिया कि 11 दिसंबर के बाद इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बड़ी बैठक होनेवाली है। धर्मगुरु के मुताबिक, ‘उन्होंने (मंत्री) आगे बताया कि उसी बैठक में ही वह फैसला लिया जाएगा, जिससे राम मंदिर के जल्द निर्माण की राह खुलेगी।’ आपको बता दें कि शिवसेना, वीएचपी ही नहीं रविवार को नागपुर में आयोजित हुंकार सभा में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी मंदिर निर्माण के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू करने की बात कही। ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

भागवत ने कहा कि यह लड़ाई नहीं है लेकिन मंदिर के अड़ना होगा। रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), VHP और शिवसेना ने अयोध्या, नागपुर ही नहीं बेंगलुरु में भी कार्यक्रमों का आयोजन कर जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश की। इनका मकसद मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बनाना भी था जबकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अयोध्या में कार्यक्रम को लेकर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। इससे पहले 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद टाइटल सूट की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी थी।

रविवार को अयोध्या में निर्मोही अखाड़े के रामजी दास ने कहा कि मंदिर निर्माण की तिथि अगले वर्ष की शुरुआत में प्रयागराज कुंभ के दौरान घोषित की जाएगी। मंत्रोच्चार के बीच भक्तमाल की बगिया में धर्म सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह महज कुछ दिन की बात है इसलिए अनुरोध है कि आप कुछ धैर्य रखें।’ राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास ने कहा कि हम अदालतों का सम्मान करते हैं। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत उम्मीदें हैं। राम भक्तों ने अयोध्या की मिट्टी हाथ में लेकर मंदिर निर्माण की शपथ भी ली।

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने कहा कि उन्हें मंदिर के लिए जमीन के बंटवारे का फॉर्म्युला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिए। राय ने कहा, ‘हमें बंटवारे का फॉर्म्युला मंजूर नहीं है। हमें (जमीन का) टुकड़ा नहीं चाहिए। राम मंदिर के लिए पूरी की पूरी भूमि चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिंदू का सपना है और यह हर हाल में बनकर रहेगा।

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