नई दिल्ली। कोरोना काल में प्रधानमंत्री इस राष्ट्र के नाम 7वां संबोधन कर रहे हैं। यह अनलाॅक के बाद प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम पहला संबोधन है। पीएम ने इस 12 मिनट के संबोधन के दौरान कहा कि जनता कर्फ्यू से लेकर अब तक सब को आर्थिक स्थिति पर भारी असर पड़ा है। कोरोना के चलते त्यौहार के मौसम में बाजार में रोनक लौटी है। आगे कहा कि भारत में कोरोना रिकवरी सबसे ज्यादा है। देश में लगभग 12 हजार क्वारटिंन सेंटर हैं। वहीं 2000 लेंब में कोरोना टेंस्टिग हो रही है। हमारे देश में लगभग 90 लाख बेड हैं।
बता दें कि पीएम ने कहा कि जब तक कोरोना वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक हमें कमजोर नहीं होना है, हमें इससे बचाव करना चाहिए। भारत में भी कई वैक्सीन पर काम चल रहा है। कोरोना वैक्सीन जैसे ही आएगी वैसे ही एक-एक नागरिक तक कैसे वैक्सीन पहुंचे उसके लिए काम किए जा रहे है। रामचरित मानस का दोहा सुनाकर पीएम सभी को अल्र्ट कर रहे हैं। शत्रु और बीमारी को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। आगे कहा कि सर्तकता बरतेंगें तो खुशियां बनी रहेंगी। वहीं पीएम मोदी ने नवरात्र, दशहरा, दिपावली, गुरू नानक जयंती समेत सभी त्यौहारों की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनांए दी हैं। इसी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने समय-समय पर हाथ धोने, मास्क लगाने और दो गज दूरी बनाए रखने की अपील की है। जब तक सफलता पूरी नही तब तक लापरवाही बिल्कुल भी न बरतें। भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में है उसे हमें बिगड़ने नहीं देना है। इसी बीच कहा कि लाॅकडाउन हटा है वायरस नहीं।
इसी के साथ पीएम ने कहा कि थोड़ी सी लापरवाही खुशियों को धूमिल कर सकती है। आगेे कहा कि ध्यान रखिए आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश इन देशों में कोरोना के मामले मि हो रहे थे, लेकिन फिर अचानक बिगड़ने लगे। तो हमें सावधनी बरतनी चाहिए। इसी के साथ सेवा परमो धर्मः के मंत्र पर चलते हुए हमारे डाॅक्टर, नर्स, हेल्थ वक्र्स इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं।