प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मोसुल, इराक में मारे गए लोगों के लिए उनके परिजनों को 10 लाख रुपये के अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है| इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस द्वारा इराक में मारे गए 39 भारतीयों में अधिकांश पंजाब से थे| उसके बाद बिहार से थे| सोमवार को 38 लोगों के नश्वर अवशेष को एक विशेष विमान से भारत लाया गया तथा अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंप दिया गया|
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह विशेष विमान द्वारा अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मृत भारतीयों के नश्वर अवशेष लेकर पहुंचे| बाद में, सिंह पटना हवाई अड्डे पर पहुंचे और उनके परिवार के सदस्यों को उनके परिजनों के मृत अवशेष सौंप दिए| उन्होंने कहा, हम 2014 से विदेश मामलों के मंत्रालय के माध्यम से एक अभियान चला रहे हैं ताकि विदेशों में सुरक्षित और प्रशिक्षित हो सकें| हमने लोगों को गैरकानूनी एजेंटों के माध्यम से न जाएं यह बताने के लिए एक अभियान चलाया है| मोसुल में मारे गए 39 लोगों का किसी भी दूतावास के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था| वे अवैध एजेंट के माध्यम से गये थे| जब आप गैरकानूनी एजेंट के माध्यम से जाते हैं तो आधे समय तक तो हम नहीं जानते कि कौन कहाँ गया है|
पिछले महीने, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद को बताया था कि जून 2014 में इराक में मोसुल से आईएसआईएस ने 40 भारतीयों को अपहरण कर लिया था, लेकिन उनमें से एक अपने को बांग्लादेश से मुस्लिम के रूप में पेश करने से बच निकला था| शेष बचे 39 को मार दिया गया था|