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विश्व आर्थिक मंच को पीएम ने किया संबोधित,कहा- विश्व के सामने तीन चुनौतियां

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दावोस। दावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच की बैठक में शिरकत करने पहुंचे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने विश्व आर्थिक मंच से लोगों को संबोधित करते हुए नमस्कार अपने  भाषण की शुरुआत की। विश्व आर्थिक मंच की बैठक में किसी प्रतिनिधि ने पहली बार हिंदी में भाषण की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा कि आज हम तकनीक की दुनिया में जी रहे हैं। बता दें कि 1997 में दावोस में पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा आखिरी बार इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1997 में बहुत कम लोगों ने हैरी पॉर्टर और लादेन के बारे में सुना था उस दौर के मुकाबले हमारे देश की अर्थव्यवस्था छह गुना ज्यादा बढ़ी है। पीएम ने कहा कि 1997 के दौर में अमेज़न ढूंढने से सिर्फ नदियों की ही जानकारी मिलती थी।

उन्होंने कहा कि विश्व आर्थिक मंच का कार्य दुनिया के हालात सुधारना है और 1997 के मुकाबले दावोस में भी बहुत खुछ बदला है। पीएम ने कहा कि विश्व  के सामने शांति की चुनौतिया है। कहा जा रहा है कि जो डाटा पर काबू करेगा वो पूरी दुनिया पर राज करेगा। आज टेक्नोलीजी ने पूरी दुनिया को बदल दिया है। भारत की अभूतपूर्व संस्कृति का बखान करते हुए पीएम ने कहा कि भारत की संस्कृति भारत, भारतीय और भारतीय विरासत का प्रतिनिधी होने के नाते मेरे लिए ये फोरम का समाकालिन विषय है। उन्होंने कहा कि हम भारतीय तोड़ने में नहीं बल्कि जोड़ने में विश्वास रखते हैं। भारत की संस्कृति विश्व को एक परिवार मानती है तभी तो हमारा नारा है वसुधैव कुटुम्बकम….., जोकि विश्व को एक साझा सूत्र से जोड़ता है।

पीएम ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम ही दुनिया में फैली दूरियों को मिटा सकता है क्योंकि साझा सूत्र हम सबको जोड़ता है। पीएम ने कहा कि भारत अनादि काल से जोड़ने में विश्वास रखता है। भारत में पूरी दुनिया को परिवार मानने की सोच रही है। जोड़ने, मोड़ने,तोड़ने की भावना सोशल मीडिया पर मौजूद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान विश्व के सामने आई तीन बड़ी चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्व के सामने पहली चुनौती जलवायु परिवर्तन है। पीएम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण विश्व के कई देश डूब रहे हैं। ग्लेशियर पिंघल रहे हैं, बर्फ घट रही है,लेकिन जलवायु परिवर्तन पर हम एक नहीं हो रहे हैं।bharat 2 विश्व आर्थिक मंच को पीएम ने किया संबोधित,कहा- विश्व के सामने तीन चुनौतियां

उन्होंने कहा की कहीं अकाल पड़ रहा है तो कही पानी से जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। हमें संसाधनों के साझे उपयोग के लिए आगे आना होगा क्योंकि हमारे शास्त्रों में हजारों साल पहले भूमि को माता कहा गया है।  हमारी संस्कृति में प्राकृति से प्यार करने की सीख दी गई है। भगवान बुद्ध ने कहा था कि अपनी जरूरतों के हिसाब से संसाधनों का उपयोग करों क्योंकि संसार में रहने के लिए त्याग-भोग की जरूरत पड़ती है। हमें अपने आप से पूछना होगा कि क्या हमने यही विकास किया है,सोचना होगा हमारा विकास हुआ है या पतन। पीएम ने कहा कि भारत ने वातावरण को बचाने के लिए संक्लप लिया है

पीएम मोदी ने विश्व के सामने आतंकवाद को दूसरी सबसे बड़ी चुनौती बताया। पीएम ने कहा कि आतंकवाद से खतरनाक होता है आतंकवाद को अच्छे और बुरे के भाव में तोलना। विश्व के सामने तीसरी चुनौती है विश्व के देशों का आत्म केंद्रीत होना। ग्लोबलाइजेशन की चमक धीरे-धीरे खत्म हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि आत्म केंद्रीत होना आतंकवाद से कम नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की रेटिंग में हुए सुधार से सब लोग भली-भाती परीचित हैं। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी देश के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं करता क्योंकि भारत के भू-भाग में हम मल्टी कलचर्ल व्यवस्था में रहने में विश्वास रखते हैं।

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