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स्मार्ट लखनऊ में कदम-कदम पर गढ्ढे, लोग परेशान

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे किये जा रहे हैं। लेकिन, हकीकत यह है कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी सड़कें खुदी हुई हैं। सबसे बुरा हाल सिंकरबाद चौराहे से होते हुए डालीगंज व केजीएमयू जाने वाली रास्ते की है।

जहां मंगलवार की हुई बारिश ने जलनिगम, पीडब्लयूडी की पोल खोल दी। स्थिति यह है कि सीवर लाइन बिछाने के बाद मैनहोल के आसपास की जो सड़के मिट्टी से पाटी गई थीं। वह सब धंस गई है।

जगह- जगह गढ्ढे, कीचड़ से लोग परेशान हैं। जबकि जलनिगम ने इन सड़कों को अप्रैल 2021 तक पूरा सही करने का दावा किया था। लेकिन जलनिगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लापरवाही से चार बीत जाने के बाद हालात जस के तस बने हुए है। लोग इन रास्तों से गुजरने से डर रहे है।

अमृत योजना के तहत कैसरबाग ऐरिया बेस्ड डेवलपमेंट क्षेत्र के हजरतगंज, रानी लक्ष्मीबाई, गोलागंज, वजीरगंज, जेसी बोस, मौलवीगंज, नजरबाद, गणेशगंज, राजेंद्र नगर समेत के कुल 12 सड़कों में सीवर का काम जलनिगम को करना था। 200 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया। अगस्त 2020 में जलनिगम ने पीडब्ल्यूडी को 105 करोड़ रूपये देकर सड़क खोदने की एनओसी ली।

जलनिगम के मुताबिक, मार्च 2020 तक सीवर का काम कर दिया गया। मार्च में ही जलनिगम ने पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजकर सड़क बनाने की बात कहीं। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं बनाई गई। इसका खामियाजा जनता को उठाना पड़ रहा है। सड़कें खुदी होने के चलते प्रदूषण का स्तर में बढोतरी हुई है।

गड्ढों ने बढ़ाया दर्द

सहारा मॉल से होते हुए रेजीडेंसी और डालीगंज तक जाने वाली सड़क एक तरफ पूरी तहर से बंद हैं। इसकी वजह से एक तहफ के सड़क पर भार ज्यादा होने के चलते दूसरे तरफ की सड़क भी टूट गई है।

स्थिति यह है कि हर कदम पर गढ्ढे हैं। गढ्ढे की वजह से बाइक के चलने वाले कई लोगों को कमर में दर्द शिकायतें बढ़ गई हैं। लोग इस रास्ते के बजाए अब महानगर के गोमती नदी पुल से होते हुए डालीगंज पुल पर जा रहे हैं।

अधिकारियों का तर्क गले नहीं उतर रहा

सीवर का काम पूरा होने के बाद रिवर बैंक कॉलोनी के पास पीडब्ल्यूडी की ओर से सड़क बनाने के लिए गिट्टी बिछाई गई थी। जो मंगलवार को हुई बारिश में धंस गई है। इससे टैंक डैमेज होने की आंशका जताई जा रही है। वहीं, र्कारवाई से बचने के लिए अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि बालू न मिलने के चलते सड़क बनाने में अवरोध उत्पन्न हो रहा है।

एक हफ्ते में सड़क ठीक करने की चेतावनी

सड़क की बदहाल स्थिति को देखते हुए शासन की ओर से अधिकारियों को फटकार लग रही है। कुछ दिन पहले मंडलायुक्त ने सड़क न बनने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जल्द से जल्द सड़क बनाने का निर्देश दिया है।

पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता जय प्रकाश सिंह कुशवाहा ने बताया कि सड़क बनाने का कार्य शुरू हो गया है। सड़क बनाने में लगभग एक महीने का समय लग सकता है। लेकिन अधिकारियों के दबाव को देखते हुए ठेकेदार को एक हफ्ते में सड़क बनाने का निर्देश दिया गया है।

  • सीवर का काम लगभग खत्म हो गया है। पीडब्ल्यूडी को सड़क बनाने के लिए बजट भी जारी कर दिया गया है। सड़क बनाने की जिम्मेदारी अब पीडब्ल्यूडी की है।

पियूष मौर्य, एक्सईएन, गोमती प्रदूषण नियंत्रण इकाई-4, जलनिगम

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