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लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा पर लगे ताले, शो पीस बनकर रह गए पिंक बूथ

लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा पर लगे ताले, शो पीस बनकर रह गए पिंक बूथ

 

लखनऊ: राजधानी में महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार की पिंक बूथ योजना के मौसम कागज़ों में भले ही गुलाबी हों, लेकिन धरातल पर महज यह शो पीस बन कर रह गई है। पिंक बूथ पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ये चौराहों पर शो पीस की तरह दिखाई देते हैं।

लखनऊ शहर में 100 पिंक बूथ बने हैं, जिनमें से 70 पिंक बूथ का उद्घाटन हो चुका है। उद्घाटन के बाद भी ज्यादातर बूथ बंद रहते हैं। बुधवार रात भारत खबर की पड़ताल में यह सच सामने आया। जहां एक-दो पिंक बूथ पर महिला पुलिसकर्मी तैनात मिलीं, जबकि ज्यादातर बूथों पर ताला लटकता मिला।

पहला रियल्टी चेक: रूमी गेट पिंक बूथ

भारत खबर टीम ने रूमी गेट के पास बने पिंक बूथ की हकीकत जानी तो पता चला कि यह बूथ अक्सर बंद रहता है। बूथ में कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं रहती है। बूथ का दरवाजा बंद था। आस-पास के लोगों ने बताया कि यह बूथ कभी नहीं खुलता, जबकि चौकी पर बैठे पुलिसकर्मी इस बूथ की हालत से वाकिफ हैं।

लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा पर लगे ताले, शो पीस बनकर रह गए पिंक बूथ

 

दूसरा रियल्टी चेक: सतखंडा चौकी पिंक बूथ

रूमी गेट चौकी के बाद भारत खबर टीम ने सतखंडा चौकी के सामने बने पिंक बूथ का हाल जाना तो पता चला कि इस बूथ की हालत पहले बूथ जैसी है। चौकी की टीन शेड के नीचे महिला पुलिसकर्मी बैठती हैं। अगर कोई भी महिला चौकी पर फरियाद लेकर आती है तो चौकी तैनात दारोगा फरियादी को थाने भेजते हैं या फिर चौकी पर ही मामला रफा-दफा कर देते हैं।

लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा पर लगे ताले, शो पीस बनकर रह गए पिंक बूथ

 

तीसरा रियल्टी चेक: कोनेश्वर चौराहा पिंक बूथ

रूमी गेट और सतखंड चौकी के पिंक बूथ का रियल्टी चेक करने के बाद भारत खबर ने कोनेश्वर चौराहे पर बने पिंक बूथ की सच्चाई पता की। वहां भी अव्यवस्थाओं के साथ पुलिस का सुस्त रवैया दिखाई पड़ा। आलम यह था कि बूथ में ना तो कोई महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी पर दिखाई थी और न ही बूथ के आस-पास कोई पुलिसकर्मी मौजूद मिला। फिलहाल, बंद पड़े बूथ के अंदर एक रजिस्टर जरूर दिखाई पड़ा।

लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा पर लगे ताले, शो पीस बनकर रह गए पिंक बूथ

 

लाखों रुपए होते हैं खर्च

दरअसल, एक पिंक बूथ बनाने के लिए सरकार एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च करती है। इसमें बिजली कनेक्शन के साथ ही बिजली का मीटर भी लगाया गया है। इसके अलावा सोलर लाइट सिस्टम और अन्य संसाधन भी मुहैया कराए गए हैं। कुछ पिंक बूथ पर तैनात महिला सिपाहियों को पिंक स्कूटी भी दी गई हैं, जबकि शहर के रिहायशी इलाकों में पिंक बूथ के साथ पिंक स्कूटी पर महिला सिपाही तैनात दिखी। खासतौर पर एक बूथ में एक महिला दरोगा और दो महिला पुलिसकर्मी तैनात की गई हैं। पिंक बूथ में स्टाफ रूम, टॉयलेट के साथ किचन भी बनाया गया है। पिंक बूथ बनाने का उद्देश्य महिला संबधी शिकायत का जल्द निस्तारण है।

थाना स्तर पर होती है मॉनिटरिंग

असल में पिंक बूथ की मॉनिटरिंग थाना स्तर से होती है। महिलाओं की समस्याओं को निपटाने के लिए पीड़िताओं की काउंसलिंग भी कराई जाती है। अगर काउंसलिंग के बाद भी पीड़िता की समस्या जस की तस होती है तो मुकदमा दर्ज कराने के लिए उसे थाने भेज दिया जाता है।

इनका हो चुका उद्घाटन

बताते चलें कि गवारी चौराहा, केकेसी चौराहा, नेशनल पीजी कॉलेज, परिर्वतन चौक, आलमबाग, चारबाग, बदंरियाबाग, पॉलिटेक्निक चौराहा, नरही, बाराबिरवा, चंदरनगर, अवध, सुंशात गोल्फ सिटी, पकरी पुल, लोहिया चौराहा, कपूरथला मंत्री आवास चौराहा, शिया पीजी कॉलेज, इंटीग्रेल, महिला कॉलेज अमीनाबाद, केजीएमयू चौराहा, रेलवे स्टेशन, ऐशबाग सिटी, कैलाश हॉस्टल, भूतनाथ मार्केट, खुर्रमनगर, जनेश्वर मिश्र पार्क, 1090 चौराहा सहित विभिन्न क्षेत्रों के पिंक बूथ का उद्घाटन किया जा चुका है।

महिला पुलिसकर्मियों की कमी

इस संबंध में डीसीपी महिला अपराध एंव बाल सुरक्षा रुचिता चौधरी ने बताया कि, महिलाओं की सुरक्षा के लिए राजधानी में 70 पिंक बूथ का उद्घाटन हो चुका है। महिला पुलिसकर्मियों के अभाव के कारण यह सुचारू रूप से चल नहीं पा रहे हैं। हालांकि, शासन को पुलिस आयुक्त के जरिए पत्र लिखकर 840 महिला पुलिसकर्मियों की मांग की गई है।

लखनऊ से कुमार विनय की रिपोर्ट…

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