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पीजीआई के आरडीए ने मुख्यमंत्री से कोरोना संक्रमित मरीजों के डिस्चार्ज के प्रोटोकॉल में की बदलाव की मांग

untitled 22 पीजीआई के आरडीए ने मुख्यमंत्री से कोरोना संक्रमित मरीजों के डिस्चार्ज के प्रोटोकॉल में की बदलाव की मांग

लखनऊ। राजधानी के संजय गांधी पीजीआई रेजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आकाश माथुर और सचिव डॉ. अनिल गंगवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख लिखा है और संक्रमित मरीजों के डिस्चार्ज प्रक्रिया में बदलाव के लिए मांग की है। ताकि अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की किल्लत दूर हो सके और जरूरतमंद मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।

कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता हो खत्म

कोरोना संक्रमति के लक्षणरहित होते ही डिस्चार्ज किया जाए। स्थान के स्तर पर लगातार ऑडिट के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि डिस्चार्ज पॉलिसी का कड़ाई से पालन हो रहा है या नहीं । . कई बार रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज़ों को डिस्चार्ज किया जाता है जो कि वर्तमान परिस्थिति में संसाधनों का अपव्यय है ।

डा. आकाश ने कहा कि कुछ मरीज़ों को सिर्फ जाँच कराने हेतु भर्ती किया जाता है जो कि उचित नहीं है, कोविड अस्पताल में एक पृथक काउंटर बना ऐसी व्यवस्था की जा सकती है कि सिर्फ जाँच के लिए किसी को भर्ती ना किया जाए । नॉन कोविड एरिया में मरीज़ को शिफ्ट किये जाने हेतु भी दो नेगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता को कम करते हुए एक नेगेटिव रिपोर्ट आते ही मरीज़ को नॉन कोविड एरिया में शिफ्ट किया जाए ताकि नए मरीज़ों को भर्ती किया जा सके ।

जिन मरीज़ जिनकी स्थिति में सुधार आ चुका है तथा अब घर जाकर आइसोलेट होना चाहते हैं उन्हें इसकी अनुमति दी जाए । भर्ती की प्रक्रिया की भी सख्ती से ऑडिट करते हुए केवल वाकई ज़रूरतमंद मरीज़ों जिनको की भर्ती कर इलाज किए जाने की ज़रूरत है उन्हें ही भर्ती किया जाए । देखने में आया है कि कई मरीज़ कोविड संक्रमण से आशंकाग्रस्त हो भर्ती हो रहे है जिसके कारण कई ज़रूरतमंद मरीज़ों को बेड सुलभ नहीं हो पा रहा है ।

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