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पीजीआई नहीं दे पा रहा अपने ही स्टॉफ को इलाज, धरने पर बैठे

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि मेडिकल संस्थान अब अपने कर्मचारियों का ही इलाज नहीं कर पा रहे हैं। जिसकी वजह से नाराजगी बढ़ती जा रही है।

शुक्रवार को पीजीआई में मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के बीच अव्यवस्था की स्थिति बढ़ रही है। यहां पर कर्मचारी भी लगातार पॉजिटिव हो रहे हैं। संस्थान प्रबंधन उनको बेड नहीं उपलब्ध करा पा रहा है। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

नर्सिंग स्टॉफ एसोसिएशन पीजीआई के अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने भारत खबर को बताया कि इस समय करीब 200 से ज्यादा नर्सिंग स्टॉफ कोरोना पॉजिटिव है। जबकि 150 से ज्यादा की कोविड वॉर्ड में ड्यूटी लगाई गई है।

सीमा ने बताया कि लगातार हमारे कर्मचारी पॉजिटिव हो रहे हैं। इसके बाद भी न तो हमें कोई दवा मिल रही है और न ही बेड। अगर हम कर्मचारियों को ही इलाज नहीं मिलेगा तो आखिर दूसरे मरीजों की देखभाल कौन करेगा।

भेदभाव का लगाया आरोप

सीमा शुक्ला ने कहा कि संस्थान में हमारे साथ भेदभाव भी किया जा रहा है। अगर कोई सीनियर फैकल्टी है या कोई वीआईपी आ रहा है तो उसको तुरंत बेड मिल जा रहा है। सभी दवाईयां भी मिल रहीं हैं। लेकिन हम जब दवा मांग रहे हैं तो कहा जा रहा है कि दवाईयां खत्म हो गई हैं।

सीएम से लगाई गुहार

सीमा शुक्ला ने सीएम से कहा है कि करीब दो सौ ज्यादा परिवार कोरोना के खतरे के बीच में हैं। इनकी जान खतरे में है। उन्होंने सीएम से गुहार लगाई है कि मामले में हस्तक्षेप करते हुए समस्याओं का निराकरण करें। जिससे कि मरीजों का इलाज समय से सुनिश्चित हो।

बड़ा हो रहा धरना

सीमा शुक्ला ने बताया कि 50 से ज्यादा नर्सिंग स्टॉफ धरने पर बैठा हुआ है। यहां पर अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे लगातार धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब हमारी ही जान सुरक्षित नहीं है तो दूसरों की कैसे करेंगे।

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