लखनऊ। कोरोना के प्रकोप के साथ संजय गांधी पीजीआई के कर्मचारियों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। मरीजों के उपचार में लगे कर्मचारी एक के बाद एक संक्रमित होते जा रहे हैं। उसके बाद भी पीजीआई उन्हें भर्ती कर इलाज नहीं दे पा रहा है। इससे नाराज कर्मचारियों ने साफ कह दिया है कि अगर संक्रमित होने के बाद उन्हें और उनके परिवारीजनों का इलाज सुनिश्चित नहीं किया गया तो वे कार्य बहिष्कार कर देंगे।
अगर पीजीआई के कर्मचारी कार्य बहिष्कार करते हैं तो सैकड़ों मरीजों की जान पर बन आएगी। आपको बता दें कि पीजीआई को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। यहां पर कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों का एक घंटे का भी कार्य बहिष्कार इस वक्त आफत बन सकता है।
संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव और महामंत्री धर्मेश कुमार ने बताया कि इलाज ना मिलने के कारण हमारे साथी रजनीश की पत्नी जी का असामाजिक निधन हो गया। उन्होंने बताया कि रजनीश पीजीआई में ही कार्यरत हैं। अपनी पत्नी के इलाज के लिए वे दर दर भटकते ही रह गए। उसके बाद भी इलाज नहीं मिल सका और उनकी असमय मृत्यु हो गई। अधिकारी इधर से उधर दौड़ाते ही रह गए।
जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि हम सभी बहुत दुखी हैं। इस संबंध में कर्मचारियों ने निदेशक का घेराव भी किया। उनसे बात करने के बाद भी अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। यह बेहद निराशाजनक है।
संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ ने आज एक बार फिर निदेशक को पत्र सौंपा। जिसमें कहा गया है कि संस्थान कर्मचारियों को बीमार होने की दशा में तुरंत भर्ती किया जाए। उनका इलाज शुरू किया जाए। इसके अलावा हमें कुछ भी मंजूर नहीं है। साथ ही इस संबंध में लिखित आदेश की भी मांग की है।
कर्मचारियों ने पीजीआई प्रशासन को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 27 अप्रैल तक दोपहर 12 बजे तक हमें लिखित आश्वासन नहीं मिलता है तो हम कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि उसके बाद किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी पीजीआई प्रशासन की होगी।