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निजीकरण के विरोध में पीजीआई कर्मचारी महासंघ

pgi निजीकरण के विरोध में पीजीआई कर्मचारी महासंघ

लखनऊ। राजधानी के पीजीआई में पीपीपी मॉडल पर मशीनों को लगाया जा रहा है,इतना ही नहीं स्टाफ की भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से हो रही है। जिस पर पीजीआई कर्मचारी महासंघ ने अपना विरोध जताते हुये संस्थान के निदेशक को पत्र भी लिखा है।

पीजीआई कर्मचारी महासंघ की तरफ से बताया गया कि संस्थान रेडियोलॉजी विभाग समेत कई विभागों में पीपीपी मॉडल पर मशीनों को लगाने का प्रस्ताव आगामी शासी निकाय की बैठक में प्रस्तुत करने जा रहा है। इसके पहले संस्थान की स्टेट लैब को पी पी पी माडल पर दिया जा चुका है।

मौजूदा समय में लगभग 1300  की संख्या में नियमित कर्मचारियों के पद रिक्त हैं और संस्थान उन पर भर्ती नहीं कर रहा है,वहीं दूसरी तरफ संस्थान आऊटसोर्सिंग स्टाफ की भर्ती धड़ल्ले से किया जा रहा है।

पीजीआई कर्मचारी महासंघ के मुताबिक यह प्रदर्शित करता है कि संस्थान को धीरे-धीरे निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है जो कि संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति शोध कार्यों और संस्थान  की छवि तथा उसके निरंतर विकास और संजय गांधी पीजीआई जैसे सुपर स्पेशलिटी संस्थान में पी पी पी मॉडल लागू करना संस्थान हित में नहीं होगा।

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