नई दिल्ली : करीब दो महीने से देश की जनता को रोजाना पेट्रोल-डीजल के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ती थी। लगभग रोजाना ही तेल की कीमतों में थोड़ा-थोड़ा इजाफा हो रहा था। जिसकी वजह से जनता सरकार की तरफ राहत पाने की उम्मीद लगाए बैठी थी। उसकी यह आस पूरी तरह से तो नहीं लेकिन आधी गुरुवार को पूरी जरूर हो गई।
केंद्र सरकार घटा चुकी है दाम
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को 1.5 रुपये प्रति लीटर कम करने का ऐलान किया था। वहीं तेल कंपनियों ने भी एक रुपये की कटौती का ऐलान किया था।
इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जनता की परेशानी को कम करने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘आदरणीय श्री मोदीजी, आम जनता पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दामों से बहुत ज्यादा परेशान है। आप कृपया पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में ले आइए।’ दरअसल, सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक व्यवस्था के तहत 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की थी।
पेट्रोल-डीजल पर 5 रुपये लीटर तक की राहत मिली है
केंद्र की घोषणा के बाद कुछ राज्यों ने भी अपने यहां तेल पर ढाई रुपये वैट कम कर दिया था। राज्य सरकारों के इस फैसले से लोगों को पेट्रोल-डीजल पर 5 रुपये लीटर तक की राहत मिली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया था कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाएगी, इसके अलावा तेल कंपनियां इनपर 1 रुपये कम करेंगी। इस तरह कुल मिलाकर पेट्रोल और डीजल 2.50 रुपये सस्ते हो गए हैं।
भाजपा शासित प्रदेशों ने घटाई है कीमतें
भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और असम सरकार ने तेल की कीमतों में 2.50 रुपये की कटौती की है। वहीं बाकी के अन्य राज्य पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने पर विचार कर रहे हैं। कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने तेल के दामों में कटौती करने से साफ इनकार कर दिया है।