नई दिल्ली – बता दे कि यूपी पुलिस में तैनात सैकड़ों कांस्टेबल ड्राइवरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि यूपी पुलिस मे कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर पद पर प्रमोशन दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सैकड़ों कांस्टेबल ड्राइवरों की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी।
यह है पूरा मामला –
यह मामला कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर भर्ती हुए सैकड़ों कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट लाए थे। उनका कहना था कि कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर भर्ती होने के बाद उन्हें सीधे हेड कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर प्रोन्नत करना चाहिए। क्योंकि वे इसके लिए पत्र है। इस प्रमोशन के लिए उन्हें फिर से चयन प्रक्रिया से नहीं गुजारा जाना चाहिए। कोर्ट ने उनका यह तर्क भी ठुकरा दिया था कि वे कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे और तकनीकी योग्यता लेने के बाद वे कांस्टेबल ड्राइवर बने थे। ऐसे में दोबारा से उन्हें चयन प्रक्रिया से गुजारने संबंधी नियम संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के विरुद्ध है।
हाईकोर्ट भी कर चुका है याचिका खारिज –
बता दे कि इससे पहले मुख्या रूप से राजेश कुमार सिंह द्वारा दाखिल याचिका हाईकोर्ट द्वारा भी ख़ारिज हो चुकी है। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। राजेश कुमार सिंह आदि की विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए सुपीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने यूपी सरकार की दलीलों को स्वीकार कर लिया और कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के आदेश में कोई खामी नजर नहीं आती। हेड कांस्टेबल ड्राइवर, सब इंस्पेक्टर मोटर ट्रांसपोर्ट और इंस्पेक्टर मोटर ट्रांसपोर्ट आदि पद अत्धिक तकनीकी है। इसलिए चयन प्रकिया के रूल सही हैं और कोर्ट को उनमें कोई असंवैधानिकता नजर नहीं आती।