जोधपुर। फुलेर के बिचुन गांव में खाप पंचायत की तरफ से एक परिवार पर जुर्माना लगाने के मामले में निचली अदालत में परिवार ने मामला दायर किया था, जिसकी सुनवाई के बाद निचली अदालत ने खाप पंचायत के सदस्यों को बरी कर दिया था। वहीं अब निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए परिवार वालों ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। परिवार की दलील को सुनने के बाद कोर्ट सुनवाई करने को तैयार हो गया है। न्यायाधीश केएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने ये आदेश राम की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका में अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता रैगर जाति का है। कुछ लोगों ने वर्ष 2001 में खाप पंचायत कर याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगा दिया। इस संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई। आयोग के दखल के बाद फुलेरा थाना पुलिस ने 8 मार्च 2002 को 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस की ओर से निचली अदालत में आरोप पत्र पेश करने के बाद वर्ष 2012 ट्रायल आरंभ हुई। सांभर लेक अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए 26 सितंबर 2016 को प्रकरण में आरोपी बनाए गए गोपाल और उसके कई साथियों को दोषमुक्त कर दिया।