नई दिल्ली। पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन घाटी में बंदूक लाने के लिए जिम्मेदार हैं। यह आरोप पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने लगाया है। बारामुला में रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में फारुक ने सज्जाद लोन के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वह आरोप लगाना शुरू करेंगे तो सज्जाद लोन को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने उन्हें निलंबित किया था तो उस समय अब्दुल गनी लोन उनके पास आए थे। कहा था कि वह पाकिस्तान से बंदूक लाएंगे। उस दौरान उन्हें बहुत समझाया था, लेकिन वह नहीं माने थे। गौरतलब है कि सज्जाद लोन ने नेशनल कांफ्रेंस पर रियासत की विशेष पहचान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री ने शारदा पीठ के समर्थन में उतरते हुए भारत-पाकिस्तान दोस्ती को बेहतर बनाने के लिए सभी रास्ते खोलने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वह ऐसे हर रास्ते को खोलने का समर्थन करते हैं, जो भारत-पाकिस्तान की दोस्ती को आगे ले जाए। जिस दिन दोनों देशों में दोस्ती हो जाएगी कश्मीर मसला स्वयं हल हो जाएगी। उन्होंने भारत और पाकिस्तान से एलओसी व आईबी पर सारे रास्ते खोलने की मांग की। कहा कि इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती को भी मजबूत करेगा।
वहीं फारूक ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार नहीं बनाना चाहती थी। सरकार बनाने की कोशिशों और नेकां, पीडीपी और कांग्रेस के साथ आने के बारे में कहा कि हम सरकार नहीं बनाना चाहते थे, बल्कि उससे बचाना चाहते थे जो आज राज्यपाल कर रहे हैं। हम 35ए की रक्षा करना चाहते थे। यह सरकार ज्यादा लंबी नहीं चलनी थी। एक दिन सरकार गिरनी ही थी और चुनाव होना था। हम कभी भी सत्ता के भूखे नहीं थे। पीडीपी, नेकां और कांग्रेस के रास्ते अलग हैं लेकिन हम साथ आए। क्योंकि आज आप जेके बैंक की हालत देख रहे हैं। अगर हमारी सरकार होती तो ऐसा न होता। राज्यपाल के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नेकां सत्ता की लालची नहीं है। पूर्व राज्यपाल जगमोहन के समय भी सत्ता को ठुकरा दिया था।