मेरठ में लगातार अवैध बिल्डिंगों पर कार्रवाई की जा रही है। अभी तक कई सारी बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें तोड़ी जा चुकी हैं। करोड़ों रूपए की बिल्डिंगें अभी तक धवस्त कर दी गई हैं। लेकिन इन बिल्डिंगों में दुकान खरीदने वाले और रहने वाले लोग अब सड़कों पर आने लगे हैं। सीधे तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाने लगे हैं। इस मसले में खुद पूर्व मंत्री शहीद मंजूर जिलाधिकारी से मिलने के लिए पहुंचे थे लेकिन डीएम उनसे नहीं मिले जहां घंटों तक पूर्व मंत्री जिलाधिकारी के कार्यालय में बैठकर चले गए।
बता दे कि सी एम् के आदेशों पर मेरठ में एमडीए लगातार अवैध निर्माणों पर कार्रवाई कर रहे हैं। काफी बिल्डिंगें अवैध बताकर तोड़ दी गई हैं और अभी भी कई बिल्डिंगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। लेकिन विकास प्राधिकरण की इस कार्रवाई से नाराज लोग अब सड़कों पर निकलने लगे हैं जिसके साथ एमडीए सहित जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाने लगे हैं। आपको बता दें कि कई दिन पूर्व एमडीए ने हापुड़ अड्डे पर एक 66 दुकानों के कॉम्प्लेक्स को अवैध करार देकर ध्वस्त कर दिया गया था, जिसमें सेकड़ों लोगों की काफी दुकानें थी।
एमडीए के खिलाफ लगातार लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके चलते हापुड़ अड्डे पर मौजूद एक और बिल्डिंग, जब्बार बिल्डिंग के लोग जिलाधिकारी के दफ्तर पहुंचे और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि वो उस बिल्डिंग में पिछेल कई सालों से रह रहे हैं और अब अचानक से जिला प्रशासन उसको अवैध घोषित करने की कोशिश में लगा हुआ हैं। लोगों ने जिला प्रशासन पर एक समुदाय को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है। हालांकि लोगों की समस्या के साथ साथ कई अन्य समस्याओं को लेकर सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर डीएम से मिलने पहुंचे थे। लेकिन घंटों तक जिलाधिकारी के दफ्तर में बैठकर शाहिद मंजूर निराश होकर चले गए।