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कोरोना काल में पौष्टिक आहार की अहमियत जान गए लोग: डॉ. शर्मा

कोरोना काल में पौष्टिक आहार की अहमियत जान गए लोग

बरेलीः आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों के लिए जितनी दवाइयों की अहमियत है उतनी ही पौष्टिक तत्वों की। इनसे ही मरीजों की सेहत तेजी से सही होती है। पौष्टिक तत्व शरीर को चलाने के लिए उसकी रोजाना की आवश्यकताओं के लिए बेहद जरूरी होते हैं।

‘भोजन में शामिल करें पौष्टिक आहार’

यह बात सर गंगाराम हास्पिटल के वरिष्ठ डा.एससी शर्मा ने एसआरएमएस पल्मो क्रिट में कही। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोग आईसीयू की तरह ही पौष्टिक तत्वों से भी परिचित हो गए हैं और इन्हें दैनिक भोजन में शामिल करना शुरू हो गया है।

कार्यक्रम संचालन समिति के सेक्रेटरी और एसआरएमएस मेडिकल कालेज के रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख डा.ललित सिंह ने आयोजन को बेहद सफल बताया और आने वाले सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया।

श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट में हुआ आयोजन

इस मौके पर श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस बरेली के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा ISCCM बरेली चैप्टर के सहयोग से चार दिवसीय कान्फ्रैन्स कम वर्कशाप ‘10th UP-UK ISCCM State Chapter & SRMS Pulmo Crit-2’ का आयोजन किया गया।

एसआरएमएस मेडिकल कालेज में गुरुवार से आरंभ हुए इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन शुक्रवार को एसआरएमएस मेडिकल कालेज के निदेशक एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, पद्मभूषण से सम्मानित डा.बीके राव, एम्स भटिंडा के डायरेक्टर डा.डीके सिंह आदि ने किया था।

इस दौरान डा.बीके राव को एसआरएमएस ट्रस्ट की ओर से श्री राम मूर्ति ओरिएशन अवार्ड प्रदान किया गया। जबकि विशिष्ट अतिथि डा.डीके सिंह को लाइफ टाइम सम्मान दिया गया।

चिकित्सकों ने शोधपत्र पर दिया व्याख्यान

एसआरएमएस मेडिकल कालेज में दो दिन की कांफ्रेंस के बाद चार दिनी कांफ्रेंस कम वर्कशाप के अंतिम दो दिन रामनगर में आयोजित हुई।

इसमें कई सत्रों में देश के नामचीन चिकित्सकों ने अपने शोध पत्र पर व्याख्यान दिया। सर गंगाराम अस्पताल नई दिल्ली के वरिष्ठ डा. एससी शर्मा ने पौष्टिक तत्वों के महत्व को सभी को परिचित कराया। कहा कि किसी भी मरीज के लिए दवाइयों के साथ ही पौष्टिक तत्वों की जरूरत की अनदेखी नहीं की जा सकती।

खुद को स्वस्थ मानने वालों को भी पौष्टिक तत्वों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और इसके लिए अब सिर्फ भोजन पर निर्भर रहना समझदारी की बात नहीं हो सकती।

भोजन में ही पौष्टिक तत्वों की कमी से अब पौष्टिक तत्वों को अलग से सप्लीमेंट करना जरूरी हो गया है। इन्हें शामिल करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही बीमार होने पर इनकी बदौलत रिकवरी भी तेजी से संभव है।

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