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दीवाली पर चीनी सामानों की जगह लोगों ने खरीदा ‘मेड इन इंडिया सामान’

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नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव साफतौर पर देखा जा सकता है। लेकिन इस तनाव का असर अब चीनी सामानों पर भी भारी पड़ा है। काफी समय से कुछ लोग सोशल मीडिया पर चीनी सामान के बहिष्कार की मांग कर रहे थे और अब ऐसा लगता है ये अपील रंग लाई है। अखिल भारतीय व्यापारी संघ ने दावा किया है कि इस दिवाली पर चीनी सामानों की बिक्री 60 फीसदी कम हुई है। कैट के एक प्रवक्ता ने कहा, यहां तक कि विक्रेताओं ने भी चीनी सामानों को बेचने में उत्साह नहीं दिखाया। चीनी सामानों की बजाए लोगो ने मिट्टी के दीये, कागज, मिट्टी
और प्लास्टिक के बने सामानों को तरजीह दी।

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दीवाली पर मेड इन इंडिया सामान को दी गई तवज्जो:-

इसके साथ ही प्रवक्ता ने कहा, इस साल विक्रेताओं का भी मेड इन इंडिया सामान बेचने पर जोर था। ये निष्कर्ष कैट द्वारा 20 शहरों में इकट्ठा किए गए आंकड़ों पर आधारित है, जिनमें दिल्ली, मुंबई, नागपुर, जयपुर, अहमदाबाद, कानपुर और भोपाल प्रमुख हैं। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी. सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सोशल मीडिया पर बहिष्कार की अपील के बाद चीनी मीडिया की प्रतिक्रिया की भारत केवल भौंक सकता है, का असर उपभोक्ताओं पर देखा गया। इस बार चीनी पटाखों के मुकाबले तमिलनाडु के शिवकासी में बनने वाले पटाखों की मांग रही। हालांकि चीनी सामानों के विकल्प के रूप में भारतीय सामान काफी कम मौजूद है, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने देशी को तरजीह दी।

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दीवाली से कुछ दिन पहले ही चीन ने दी थी चेतावनी:-

गौरतलब है कि दीवाली से कुछ ही दिन पहले सोशल मीडिया पर चली रही इस तरह की अपील पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए ए बयान जारी किया था। चीन के दूतावास के जारी बयान में कहा गया था कि भारतीय बाजार में चीनी सामान का बहिष्कार करना दोनों देशो के संबंधों पर खराब असर डाल सकता है। भारत के इस तरह के कदम से चीन को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि कोई भी विकल्प न होने की वजह से भारतीय बाजारों और व्यापारियों को ही भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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इसके साथ ही जारी बयान में कहा गया कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है लेकिन भारत में सिर्फ 2% हिस्सा ही जाता है इस वजह से चीन को इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। बता दें कि उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने पीओके में घुसकर 50 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था और पाकिस्तान पर अपना शिकंजा कसने के लिए सिंधु नदी समझौता तोड़ने की बात कही थी जिसके बाद हमेशा से ही पाकिस्तान के समर्थन में खड़े रहने वाले चीन ने भारत को बह्मपुत्र नदी क पानी रोकने की चेतावनी दी थी। इसके अलावा सुरक्षा परिषद में आतंकी मसहूद अजहर
को आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव में टांग अड़ाते हुए वीटो लगा दिया था। जिसके बाद से लगातार भारत का एक वर्ग चीनी सामानो का बहिष्कार करते हुए देखा गया।

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