नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म पीपली लाइव के सह-निर्देशक महमूद फारूकी को रेप के केस में बरी कर दिया है। फारूफ को रिसर्च स्कॉलर के साथ 28 मार्च 2015 में हुए रेप मामले में साकेत कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी। जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने पलटकर उन्हें बरी कर दिया। कोर्ट ने महमूद को हाईकोर्ट बेनिफिट ऑफ डॉउट दिया है। कोर्ट का कहना है कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बनाया गया या फिर जबरन इसमें संशय है, लिहाजा उन्हें बरी किया जाता है। फिलहाल महमूद तिहाड़ जेल मे बंद हैं।
बता दें कि अगस्त 2016 में साकेत कोर्ट ने महमूद फारूकी को एक अमेरिकी शोध छात्रा के साथ रेप के मामले में दोषी करार दिया था। उन्हें सात साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया था। उस वक्त उनके लिए उम्रकैद की सजा की मांग भी की गई थी। मांग इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि बलात्कार की अधिकतम सजा उम्रकैद उन मामलों मे दी जाती है, जहां पर गैंगरेप या नाबालिग का रेप किया गया हो। कहा गया कि फारूकी के मामले में कोई बर्बरता नहीं हुई है। जिसकी वजह से उन्हें बरी कर दिया गया।