नई दिल्ली। बिहार में हाल ही में बदले राजनीति हालात पर अब सबकी नजरें टिकी हैं। क्योंकि हाई कोर्ट में नीतीश सरकार के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई होनी है। नीतीश सरकार के खिलाफ के ये याचिका आरजेडी ने ही दायर कराई है। ताकि वो नीतीश सरकार से खुद को दिए धोखे का बदला ले सके। याचिका के मुताबिक विधानसभा में हुई हालिया बहुमत परीक्षण से जुड़े मसले पर सुनवाई होगी। पटना हाईकोर्ट में यह याचिका मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ सुनेगी। उसने दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने के लिए आज की तारीख निर्धारित की है।
दरअसल नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को आरजेडी और कांग्रेस के साथ गंठबंधन तोड़कर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद अगले ही दिन नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर 27 जुलाई को शपथ ग्रहण कर ली थी। इस बात का आरजेडी लगातार विरोध कर रही है। सरकार के गठन के खिलाफ कोर्ट में पहली याचिका बड़हरा के राष्ट्रीय जनता दल विधायक सरोज यादव और अन्य ने दायर की थी जबकि दूसरी याचिका नौबतपुर के सपा नेता जितेन्द्र कुमार ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने राज्यपाल के फैसले पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा था कि सबसे ज्यादा विधायक आरजेडी के होने के कारण पहले आरजेडी को सरकार बनाने का न्योता दिया जाना चाहिए था, लेकिन नियमों को दरकिनार कर नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया। सरकार के गठन के खिलाफ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने भी कोर्ट में जाने की बात कही थी।
नीतीश देंगे विपक्ष को जवाब
बचा दें की सुनवाई को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि छठवीं बार बिहार के सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार पहली बार मीडिया से मुखातिब हो सकते हैं। जिसमें वो विपक्ष को जवाब देंगे। आरजेडी से गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार पर आरजेडी ने लगातार हमलावर रुख अख्तियार कर रखा है। उन पर आरोप पर आरोप लगाए जा रहे हैं। नीतीश कुमार उन सभी आरोपों और सवालों का जवाब दे सकते हैं।