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सुरक्षा फीचर सही न होने पर पतंजलि ने रद्द की मैसेजिंग ऐप किंभो की लॉचिंग

सुरक्षा फीचर सही न होने पर पतंजलि ने रद्द की मैसेजिंग ऐप किंभो की लॉचिंग

बाबा रामदेव के पतंजलि ने अपने नए सोशल मैसेजिंग ऐप किंभो के साथ टेक की दुनिया में उतरने के लिए पग भरा था। लेकिन दो बार असफल होने के बाद कंपनी ने ऐप की रिलॉन्चिंग का इरादा छोड़ दिया है। द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार अदिति कमल का साथ छोड़ने के बाद पतंजलि ने नोएडा बेस्ड ऐप मेकिंग फर्म सोशल रिवोल्यूशन मीडिया एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी की थी। पतंजलि के मैसेजिंग प्लेटफॉर्म लाने का आइडिया अदिति कमल ने दिया था।

 

सुरक्षा फीचर सही न होने पर पतंजलि ने रद्द की  मैसेजिंग ऐप किंभो की लॉचिंग
सुरक्षा फीचर सही न होने पर पतंजलि ने रद्द की मैसेजिंग ऐप किंभो की लॉचिंग

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आप को मालूम हो कि इसी साल मई और अगस्त में किंभो ऐप को दो बार लॉन्च किया गया। लेकिन दोनों ही बार लॉन्च असफल रहा। दरअसल ऐप सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के पसंद का नहीं था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल कंपनी ने ऐप को फिर से लॉन्च करने का इरादा छोड़ दिया है। पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने पब्लिकेशन से कहा कि हम टेक्निकल तरीके से परिपक्व और बेहद सिक्योर ऐप लॉन्च करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि हमने फिलहाल ऐप लॉन्च करने का आइडिया छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि हम आधा-अधूरा तैयार प्रोडक्ट बाजार में नहीं लाना चाहते हैं।

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आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम नए प्रोजेक्ट्स के साथ काफी व्यस्त हैं और मुझे नहीं लगता है कि हमारे पास किम्भो में आगे लगाने के लिए समय और संसाधन हैं। फिलहाल हमने इस प्रोजेक्ट को साइड पर रख दिया है और इसकी दोबारा लॉन्चिंग के लिए कोई तारीख निश्चित नहीं की है। पतंजलि किंभो ऐप की ब्रांडिंग ‘स्वदेशी चैट ऐप’ के रूप में की गई थी। जो भारत में फेसबुक के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप की जगह ले सके।

गौरतलब है कि इस ऐप को सबसे पहले 30 मई को लॉन्च किया गया था। सिक्योरिटी फीचर्स खराब होने की वजह से इसे 24 घंटे के भीतर गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था। बाद में ऐप के ट्रायल वर्जन को 27 अगस्त के आधिकारिक लॉन्च से पहले एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के साथ 15 अगस्त को दोबारा लॉन्च किया गया। यूजर्स ने आ रही दिक्कतों को रिपोर्ट किया बाद में ऑफिशियल लॉन्च से पहले ही इसे सुरक्षा कारणों के चलते गूगल प्ले स्टोर से हटाया गया था।

महश कुमार यादव

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