कांग्रेस के बगैर कैसे बढ़ेगी राजनीतिक गतिविधिया ? नहीं मिले कांग्रेस नेता, न ही एल.जी ने बुलाया
भारत खबर
जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिंन्हा ने जम्मू में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुलाकात की और राजनीतिक गतिविधियां कैसे बढ़े इस पर विचार विमर्श किया। हैरान करने वाली बात है कि एलजी ने कांग्रेस को अधिकारिक तौर बैठक के लिए नहीं बुलाया और न ही कांग्रेस ने मुलाकात के लिए वक्त मांगा।
कांग्रेस जम्मू कश्मीर में प्रमुख पार्टी रही है और जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने मेे महत्वपर्ण योगदान दे सकती हे।
राष्ट्रवादी पार्टी होने के कारण कांग्रेस अलगाववाद की मानसिकता से परे है। जबकि घाटी में नेशनल कांफेंस, पीडीपी, जम्मू कश्मीर अवामी पार्टी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अलगाववाद की अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करते रहे हैं। कश्मीर में एलजी किसी भी राजनीतिक दल से नहीं मिलें। छह अगस्त को कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने प्रशासनिक कार्यभार देखा। जम्मू में पिछले चार दिनों से डेरा लगाकर एलजी मनोज सिन्हा जम्मू के सभी छोटे बड़े राजनीतिक एवं सामाजिक दलों से मिले। हैरान करने की बात है कि लोकतां़ित्रक प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने की मंशा लिए एलजी ने कांग्रेस से कोई मुलाकात नहीं की।
कांग्रेस ने नहीं मांगा मिलने का समय:
जम्मू। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र शर्मा के अनुसार कांग्रेस ने एलजी से मिलने का समय नहीं मांगा। न ही उन्हें बुलाया गया है। अगर कोई कांग्रेस का नेता मिला है तो वह नीजि तौर मिला है। कश्मीर में भी पार्टी ने उपराज्यपाल से कोई मुलाकात की र्है।
जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए कांगे्रस पक्षधर है और कांग्रेस पूर्ण राज्य के मुद्दे का समर्थन करती है।
एलजी की तरफ से बुलाया आएगा तो मुलाकात की जा सकती हैं; अलबत्ता अपनी तरफ से मुलाकात का फिलहाल कोई इरादा नहीं है।
पूर्व एलजी ने नहीं दिया था भाव
जम्मू। जनवरी महीने में पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू से कांग्रेस ने अधिकारिक तौर पर मुलाकात करने के लिए समय मांगा था। लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। कांग्रेस ने कई बार मिलने का आग्रह भी किया। जब मुलाकात के लिए कोई भाव नहीं दिया गया तो अब कांग्र्रेस ने फैसला किया है कि वह नए उपराज्यपाल से मुलाकात के लिए अपनी तरफ से पहल नहीं करेंगे।