नई दिल्ली। एक बार फिर से कश्मीर की सियासत गर्म है लेकिन इस बार मुद्दा आर्मी चीफ बिपिन रावत का बयान और उस पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का समर्थन बना है। दरअसल कुछ दिन पहले सेना चीफ बिपिन रावत ने कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने का बयान दिया था जिसका मनोहर पर्रिकर ने समर्थन किया है जिसके बाद से लगातार कश्मीर में विरोध जारी है।
बिपिन रावत के समर्थन में उतरे पर्रिकर:-
दरअसल जनरल रावत ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में बाधा डालने वालों को आतंकियों का सहयोगी माना जाएगा। इसके साथ ही उनके खिलाफ सख्त कदम भी उठाया जाएगा। इस बयान में रावत का इशारा साफतौर पर सेना पर पथराव करने वालों की तरफ था। रावत के इस बयान के बाद मानों जैसे राजनीति में भूचाल आ गया और उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की गई। लेकिन अब उनके समर्थन में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर उतर आए है और उन्होंने उनका पूरा समर्थन किया है।
कमांडिंग ऑफीसर को फैसला लेने का पूरा हक:-
एक समाचार चैनल से बात करते हुए पर्रिकर ने कहा कि सेना के ऑपरेशन में स्थानीय लेवल पर किसी ने रुकावट डालने की कोशिश की तो उम समय वहां पर मौजूद कमांडिंग ऑफीसर को फैसला लेने का आधिकार है। सेना हर कश्मीरी को आतंकियों का समर्थक नहीं मानती लेकिन जो आतंकियों के साथ है वो आतंकी ही है।
हालांकि पर्रिकर से पहले किरण रिजिजू ने भी रावत के बयान का समर्थन किया था और कहा था कि पत्थरबाजों और राष्ट्रहित के खिलाफ जो भी काम करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी क्योंकि देश का हित सबसे ऊपर है।
फिलहाल घाटी में बिपिन रावत के बयान के बाद विपक्षी पार्टियां इस बयान का पुरजोर विरोध कर रही है। नेशलन कॉन्फ्रेंस ने आर्मी चीफ के इस बयान को जुझारु टिप्पणी करार देते हुए निराशा व्यक्ति की और कहा कि इस तरह की बयानबाजी सिर्फ घाटी के माहौल को खराब होगा।