नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में सोमवार सुबह से ही माहौल काफी गरम था। लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा नेता तरुण विजय की नस्लीय टिप्पणी को लेकर जमकर हंगामा भी हुआ। इस हंगामें के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान देते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। जाति, धर्म और रंग के आधार पर यहां पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तरुण विजय ने इस पूरे मामले पर माफी मांग ली है तो फिर ये हंगामा क्यों? हालांकि हंगामें को बढ़ता हुआ देख दोनों सदनों की कार्यवायी को स्थगित कर दिया गया है। सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले संसद में सरकार को घेरने की रणनीति तय करने पर चर्चा की गई थी। इस मीटिंग की अगुवाई गुलाम नबी आजाद ने की।
पढ़िए आखिर कौन सा बयान तरुण विजय के लिया बना मुसीबत?
दरअसल नाइजीरियन छात्रों के साथ बढ़ रही बदसलूकी के मामलो में तरुण विजय एक समाचार चैनल पर अपना पक्ष रखा लेकिन उनका यही पक्ष मुसीबत की वजह बन गया है। हालांकि आलोचनाओं के बाद उन्होंने ट्वविटर पर माफी भी मांग ली है। विजय ने कहा था कि भारत कई संस्कृतियों का देश है। दक्षिण भारत में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में काले लोग रह रहे हैं। इसलिए क्योंकि हम एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा था कि अगर हम रेस्सिट होते तो हम तमिल, केरल और कर्नाटक और आंध्र के लोगों के साथ क्यों रहते हैं, हमारे यहां भी काले लोग रहते हैं।
भाजपा नेता के इस बयान के बाद उनकी कड़ी आलोचना की जा रही है जिसके बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, अगर मेरे शब्दों से किसी को तकलीफ हुई हो तो मैं इसके लिए माफी चाहता हूं। शायद मैं जो कहना चाहता था वो सही से नहीं कह पाया।