झारखंड के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को सिर्फ ट्यूशन की फीस देनी पड़ेगी।
झारखंड। झारखंड के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को सिर्फ ट्यूशन की फीस देनी पड़ेगी। जब तक स्कूल नहीं खुल जाते तब तक स्कूल प्रबंधक न तो स्कूल की फीस लेंगे और न ही फीस में किसी भी तरह की बढ़ोतरी करेगें। शिक्षा विभाग और साक्षरता विभाग ने इस मामले में पत्र जारी कर दिया है। विभाग द्वारा पत्र में साफ तौर पर बताया गया है कि जो भी स्कूल सरकार के नियमों का पालन नहीं करेगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही पत्र में कहा गया है कि स्कूल की सरकार द्वारा जारी एनओसी रद्द की जा सकती है। लॉकडाउन के दौरान स्कूलों द्वार वसूली जाने वाली फीस को लेकर विभागीय मंत्री जगरनाथ मेहतो ने स्कूल प्रबंधकों और प्रतिनिधियों और अभिभावकों संग के प्रतिनिधियों से बात की उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी स्कूल प्रबंधन ने कहा था कि स्कूल चलाने के लिए पैसों की जरूरत होती है। इसलिए फीस लेने की इजाजत मिले।
https://www.bharatkhabar.com/husband-gets-a-killer-attack-on-his-wife-by-his-henchmen/
यें हैं स्कूलों के लिए निर्देश
-स्कूल सत्र 2020-21 के लिए विधालय शुक्ल में किसी प्रकार की बढ़ोरती नहीं करेंगे।
-स्कूलों के शुरू होने से पहले केवल ट्यूशन फीस मासिक दर के आधार पर ली जायेगी
-ट्यूशन फीस जमा नहीं करने के कारण किसी विद्यार्थी का नामांकन रद्द नहीं किया जायेगा
-ट्यूशन फीस जमा नहीं करनेवाले विद्यार्थी को ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित नहीं कर सकते
-स्कूल बंद रहने की अवधि तक वार्षिक शुल्क, बस भाड़ा या अन्य शुल्क नहीं लिये जायेंगे
– स्कूल खुलने के बाद समानुपातिक आधार पर वार्षिक शुल्क, बस भाड़ा या अन्य शुल्क लिये जायेंगे
-किसी भी परिस्थिति में अभिभावक से विलंब शुल्क नहीं लिया जायेगा
-स्कूल के शिक्षक व कर्मचारी के वेतन में किसी प्रकार की कटौती या रोक नहीं लगायी जायेगी
-स्कूल प्रबंधन फीस के लिए कोई नया मद सृजित कर अभिभावक पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं बनायेगा
– स्कूल के सभी विद्यार्थियों को बिना भेदभाव के ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था के लिए आइडी, पासवर्ड तथा ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की पूरी जिम्मेदारी विद्यालय प्रमुख की होगी