Breaking News featured यूपी

आखिर इस दर्द की दवा क्या है: कोरोना में बिछड़ गए माता-पिता के नाम बेटे की भावुक पाती, भगवान से पूछा- मेरे साथ क्यों किया ऐसा

Corona, BJP leader Pawan Mishra, Swatantra Dev Singh, Santosh Gangwar, death from Corona, UP News, Bareilly News

कोरोना ने लोगों को जो जख्म दिए हैं, उनकी पीड़ा को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। कोरोना पीड़ित होने के बाद 19 दिन में अपने माता-पिता को खो देने वाले उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के एक बेटे की भावुक पाती इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

भावुक चिट्ठी लिखने वाले यह शख्स हैं-पवन मिश्रा। पवन मिश्रा भाजपा नेता हैं। ब्राह्मणों के संगठन परशुराम युवा मंच में भी वह राष्ट्रीय पदाधिकारी भी हैं। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में लोगों की मदद के लिए घर-घर जाने वाले पवन मिश्रा का पूरा परिवार पिछले महीने कोरोना पॉजीटिव हो गया था।

pawan mishra 3 आखिर इस दर्द की दवा क्या है: कोरोना में बिछड़ गए माता-पिता के नाम बेटे की भावुक पाती, भगवान से पूछा- मेरे साथ क्यों किया ऐसा

बरेली के मेडिसिटी अस्पताल में इलाज के बाद पवन मिश्रा के पिता जेसी मिश्रा और परिवार के बाकी सदस्य ठीक होकर घर चले गए। मगर, पवन और उनकी माता कोविड से जूझते रहे और उनका हाल बिगड़ता रहा। बीमारी ने पवन मिश्रा की मां को उनसे छीन लिया। आईसीयू में होने के कारण परिवार के लोगों व दोस्तों ने पवन को इस बात की जानकारी नहीं दी।

पांचवें दिन बताया गया, अब दुनिया में नहीं रही मां

परिवार के लोगों ने मां के निधन के पांचवें दिन उन्हें इस बारे में बताया। फेफडों के जबरदस्त संक्रमण से जूझ रहे पवन उस वक्त असहाय थे। इसी बीच हालत बिगड़ने पर उन्हें गुड़गांव के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इस अस्पताल में आने के बाद उनकी हालत में सुधार होने लगा और वह कोविड को हराने में सफल रहे।

अचानक तबियत बिगड़ी और चल बसे पिता

कोरोना को हरा चुके जेसी मिश्रा धीरे-धीरे कमजोरी से उबर रहे थे। मई के आखिरी हफ्ते में उनकी तबियत अचानक बिगड़ी। परिवार के लोगों ने हर संभव इलाज कराने की कोशिश की, मगर 29 मई को उनका देहान्त हो गया। जिस वक्त पिता परलोक सिधारे उस वक्त पवन अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे। इसलिए मां की तरह पिता के निधन की सूचना भी उनको नहीं दी गई।

पिता के निधन की खबर सुनी तो बेटे ने मां-बाबा को लिखी पाती

पिता के निधन की खबर सुनकर पवन ने अपने मां-बाबा के नाम एक भावुक चिट्ठी लिखी। माता-पिता के अंतिम दर्शन न कर पाने की अपनी पीड़ा को बयां उनकी पाती में साफ झलक रही है। सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने पवन की मर्मस्पर्शी पाती को शेयर किया है।

Corona, BJP leader Pawan Mishra, Swatantra Dev Singh, Santosh Gangwar, death from Corona, UP News, Bareilly News

भाजपा अध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्री समेत तमाम दिग्गजों ने कहा-धीरज रखो

सोमवार को पवन मिश्रा के पिता जेसी मिश्रा का दसवां संस्कार था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार समेत भाजपा के तमाम दिग्गज उनके घर पर पहुंचे और हौसला बंधाया। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि दुख की इस घड़ी में वह पवन मिश्रा के परिवार के साथ खड़े हैं।

माता-पिता के नाम पवन की पाती: अपने पवन को अनाथ छोड़कर क्यों चले गए 

मम्मी-पापा,

आप दोनों अपने पवन को अकेला छोड़कर क्यों चले गए। क्या मैं इतना बुरा बेटा हूं कि मुझे आप दोनों के अंतिम दर्शन का सौभाग्य भी नहीं मिला। जिनकी गोद में बचपन बीता, जिनकी उंगली पकड़कर चलना सीखा, जिन हाथों ने मुझे बरसों तक खाना खिलाया, जिनके चरणों की रज सिर पर रखकर मैंने समाज में अपनी पहचान बनाई,जो दो मुस्कराते चेहरे मेरी हर मुश्किल दूर कर देते थे, उनके अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया मैं। हे महादेव,पवन के साथ ऐसा क्यों किया आपने,क्यों छीना मां का आंचल और पिता का साया।

Corona, BJP leader Pawan Mishra, Swatantra Dev Singh, Santosh Gangwar, death from Corona, UP News, Bareilly News

पापा, बचपन से ही मेरे अंदर आपकी जान बसती थी। घर में बाकी लोग भी थे, मगर मेरा और आपका रिश्ता ही कुछ अलग था। मैं मन में जो भी सोचता था,आप उसे पढ़ लेते थे। मेरी छोटी सी खुशी के लिए भी आप कुछ भी कर देने को तैयार रहते थे। सच कहूं तो आपके जैसे पिता नसीब वालों को ही मिलते हैं। यह बात मैं ही नहीं कर रहा पापा, मेरे सारे दोस्त और सारा जहाँ कहता हैं,पवन तुम्हारे पिताजी का कोई जवाब नहीं।

मैं भी हमेशा से जानता था कि मेरे पास दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं। महादेव की जब भी पूजा करता तो उनको आपके जैसे माता-पिता देने के लिए धन्यवाद देता। मां से बहुत सी दिल की बातें भी कर लेता था पापा। मगर आपसे मैं कितना प्यार करता हूं यह कभी चाहकर भी नहीं कह पाया। जब भी दुनिया से हताश होता,थक जाता,या कुछ बातों से टूटन होती तो हमेशा आपसे लिपटकर रोने का जी करता था।

मगर फिर यह सोचकर खुद को रोक लेता था कि कहीं आप को इस बात का दुख न हो कि आपका बेटा कमजोर हो रहा है। जब हम सबको कोरोना हुआ तो अस्पताल में भी हम साथ रहे। मेरे प्राणों पर संकट आया तो पहले मां ने मेरे लिए अपनी जिंदगी कुर्बान की और फिर आप चुपचाप साथ छोड़कर चले गए। अपने बेटे को जिंदगी देकर उसे अकेला छोड़कर चले गए आप।

एक बार भी नहीं सोचा कि आपके पवन का अब क्या होगा। कौन आपकी तरह ध्यान रखेगा मेरा। कौन कहेगा मुझे-अरे पवन चिंता मत करो,मैं हूं। तुम बस अपने काम पर लगे रहो। बाकी सब देख लिया जाएगा।

अपने पवन से मिलने के लिए बस एक बार लौट आओ मम्मी पापा जिस पवन को एक छींक आने पर आप दोनों बेचैन हो जाते थे,देखो न वो कितना कमजोर हो गया है। बस एक बार आकर कह दो कि बेटा चिंता मत करो, हम हैं। बस एक बार आ जाओ मेरे पास। देखो न मैं रो रहा हूं, आपको याद कर रहा हूं, आपके बिना मेरे आंसू कौन पोछेगा।

पापा, आपने मां से किया हुआ हमेशा साथ निभाने का वादा पूरा कर दिया। धरती के बाद आसमान में भी आप दोनों हमेशा साथ रहेंगे। मैं जानता हूं आप आशीर्वाद और ताकत बनकर पवन, रश्मि और मोनू ,शिव के साथ रहेंगे। हमें छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे आप। शरीर न सही मगर आपका मन आत्मा आपके बच्चों में रची-बसी रहेगी।

बस एक सवाल का जवाब दे दीजिए मुझे, क्या मैं इतना बुरा बेटा हूं कि मुझे आपने अपने अंतिम दर्शन का मौका भी नहीं दिया। क्यों किया मेरे साथ ऐसा,बताइए न मम्मी पापा, कुछ तो बोल दीजिए अपने इस पवन के लिए।

always miss you Mummy Papa

—–

कोरोना से मिले जख्मों को इस जन्म में भर पाना नामुकिन है। मैं और मेरे जैसे न जाने कितने बेटे असमय अपने माता-पिता से बिछड़ गए। कितने माता-पिता को अपने बच्चों से बिछड़ना पड़ा। सबसे बड़ा दर्द इस बात का है कि जिनकी गोदी में खेला और जिनकी उंगली पकड़कर चलना सीखा, उनके अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाया। जिन कंधों पर बैठकर बचपन में खूब घूमा, उनको कंधा तक नहीं दे पाया। न दवा काम आई, न दुआ। इंसान कभी इतना बेबस हो जाएगा, मैंने सोचा ही नहीं था।

-पवन मिश्रा, युवा भाजपा नेता, बरेली

Related posts

शोपियां में सेना पर आतंकियों ने किया हमला, 1 मेजर 2 जवान शहीद

piyush shukla

पर्यटक हेलीकॉप्टर से मात्र 10 मिनट में कर सकते हैं हिमायल के दर्शन, इतने रुपये का है टिकट

Aman Sharma

एन्टी रोमियो स्क्वाड का नाम बदलर रखा गया ये……

Srishti vishwakarma