राजस्थान के डूंगरपुर जिले के साबला में आए दिन पैंथर का आतंक मचा रहता है. साबला तहसील के आसपास के गांव वरवासा माफ़ी, मुंगेड तालोरा घाटड़ा नांदली, अहाड़ा, घड़ा दसुन्दी में पैंथर आतंक मचाये रखता हैं. जिसके कारण यहां के लोग खोफ में जी रहे हैं. कभी दिन में तो कभी आधी रात को पैंथर के हमले का डर बना रहता हैं.
साबला के आस-पास के सभी गांवों में पैंथर आए दिन बकरी, गाय भैंस के छोटे-छोटे बछड़े, गाय, बैल, कुत्तों आदि का शिकार प्रतिदिन करते रहता है. इससे आमजन में भी भय बना रहता है. इसकी शिकायत अनेकों बार संबंधित अधिकारियों से की गई पर अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है इसकी अनेकों बार शिकायत संबंधी विधायक गोपीचंद मीणा से भी की गई.
इसके अलावा परेशांन लोगों ने विधायक से भी इसकी शिकायत की लेकिन उन्होंने भी केवल आश्वासन देकर बात से पल्ला झाड़ते नजर आये है और कोई भी एक्शन लेना उचित नहीं समझा. नांदली अहाड़ा और वरवासा माफी के बीच में खदान चल रही है. जिससे वहां के पत्थरो के बिच मे उन पैंथरों ने अपना रहने की जगह बना ली है.
पैंथरों दिन मे तो वहीँ पर छुपे रहते है. लेकिन रात में अपने भोजन की तलाश में बाहर निकल आते हैं. जिसके कारण उन्होंने वरवासा माफ़ी मे एक 4 वर्षीय बेल का शिकार किया.
मकान मालिक ने सुबह मे देखा तो सिर्फ उनको रोने के अलावा कुछ नहीं मिला आये दिन पैंथरों के आंतक से लोगो मे दहशत बनी हुई है. वही वन विभाग सिर्फ खाना पूर्ति करता आया है.
वही पशु चिकित्सक को भी यदी किसी मवेशी की मौत की सूचना दी जाती है तो उनको पोस्टमार्टम करने के लिए भी स्टॉफ की कमी का हवाला दे दिया जाता हैं. जिससे यहाँ की जनता मे स्थानीय विधायक व सरकार के प्रति रोष है व अधिकारियो की लापरवाही से परेशान है.