चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद खाली हुई आरके नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शाशिकला के भतीजे दिनाकरन ने भारी मतों से जीत हासिल की। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे दिनाकरन ने सत्तारूढ़ दल एआईएडीएमके के ई मधुसूधन को 40 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से हराया। वहीं अब इस मामले को लेकर अन्नाद्रमुक के संयोजक ओ, पन्नीरसेल्वम और सह- संयोजक के. पलानीस्वामी ने संयुक्त रूप से कहा कि स्टालिन और दिनाकरन की साजिश से हासिल इस जीत से अन्नाद्रमुक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में द्रमुक को अब तक की सबसे जबरदस्त पराजय का सामना करना पड़ा है।
अन्नाद्रमुक सूत्रों के मुताबिक, शीर्ष पार्टी पदाधिकारियों ओ. पन्नीरसेल्वम और के. पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में छह पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया गया। जिन छह लोगों को हटाया जाएगा उनमें दिनाकरन के प्रमुख सहयोगी पी. वेत्रिवेल और थंगातमिलसेल्वन शामिल हैं। दोनों चेन्नई और थेनी जिले के पार्टी के महासचिव हैं। दरअसल अन्नाद्रमुक समर्थक पलानीस्वामी और दिनाकरन के नेतृत्व में बंटे हुए हैं। यही नहीं प्रतिद्वंद्वी गुट के कई समर्थक पार्टी में पद संभाल रहे हैं।
आरके नगर विधानसभा उपचुनाव में हार से सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक को तगड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन से यह सीट खाली हुई थी। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के लिए यह उपचुनाव अग्निपरीक्षा जैसा था क्योंकि अम्मा के निधन के बाद यह पहला चुनाव था। उपचुनाव में कड़ी सुरक्षा के बीच रिकॉर्ड 77.68 फीसद वोटिंग हुई थी। दिनाकरन 86472 वोट के साथ विजयी रहे, जबकि अन्नाद्रमुक के ई. मधुसूदन को 47115 वोट मिले, वहीं डीएमके के प्रत्याशी को सिर्फ 24078 वोट मिले।