लखनऊ: पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रदेश में 4 चरणों में पंचायत चुनाव आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें 30 अप्रैल से पहले करवाने की तैयारी है। इसके साथ ही इस बार चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
एक जिले में एक चरण में मतदान
उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है, जहां चुनाव करवाना अपने आप में बड़ी मशक्कत का काम हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। एक जिले के मतदान एक ही दिन में आयोजित किए जाएंगे। इससे सभी इंतजाम बार-बार नहीं करने पड़ेंगे और प्रशासन को भी काफी सहूलियत मिलेगी।
मार्च आखिर में हो सकता है तिथि का ऐलान
पंचायत चुनाव चुनावी प्रक्रिया की सबसे छोटी कड़ी है, इसका पूरे सिस्टम पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए सभी उम्मीदवार और मतदाता इस चुनावी पर्व को सफल बनाने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। खबरों के अनुसार इस बार के पंचायत चुनाव की तिथि का ऐलान 24 या 26 मार्च को हो सकता है।
आरक्षण का निर्धारण 17 मार्च तक होगा
अलग-अलग जिले की आरक्षण नियमावली पहले से बताई जा चुकी है, जिस पर आपत्तियां भी सुनी जा रही हैं। इससे जुड़े मामले की आखिरी सुनवाई 17 मार्च से पहले पूरी कर ली जायेगी, इसके बाद आरक्षण का फाइनल निर्धारण भी हो जाएगा।
धीरे-धीरे अब राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश में 75 जिला पंचायत, 826 विकासखंड और 58,194 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी में 4 चरणों के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा।
बढ़ सकती है उम्मीदवारों की संख्या
इस बार के पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी की उम्मीद लगाई जा रही है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने भी अपने संसाधन बढ़ा लिए हैं। ग्रामीण परिवेश में आम चुनाव से ज्यादा पंचायत चुनाव में गर्मी देखने को मिलती है। सभी अपनी-अपनी ताकत के अनुरूप मैदान में जोर लगाते हैं, नई आरक्षण नियमावली के बाद दावेदारी में कुछ नये चेहरे भी देखने को मिल रहे हैं।