लखनऊ: यूपी में पंचायत चुनावों की तारीखें घोषित कर दी गई हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है।
इसी के साथ अब कई बदलाव होने जा रहे हैं, जैसे निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों के तबादले अब नहीं किए जा सकेंगे। केवल राज्य निर्वाचन आयोग की पूर्वानुमति के बाद ही ये ट्रांसफर किया जा सकेगा।
पहले से जारी काम चलते रहेंगे
वहीं राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के हिसाब से पंचायत चुनावों के दौरान पंचायतों से संबंधित कोई भी घोषणा सरकारी और अर्धसरकारी विभाग के द्वारा नहीं की जा सकेगी। इसके साथ ही पंचायतों से संबंधित कोई काम भी नहीं किया जा सकेगा।
वहीं चालू परियोजना के हिसाब से जो काम पहले से चल रहे हैं, और जिनका पैसा भी आवंटित हो चुका है वो पहले की तरफ चलते रहेंगे।
वोटर के हैसियत से कर पाएंगे प्रवेश
इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग ने और भी कई बदलाव किए हैं। इनमें सरकार के मंत्री अपने सरकारी दौरों का इस्तेमाल चुनाव में प्रचार के लिए नहीं कर पाएंगे।
इसके अतिरिक्त मंत्री चुनाव प्रयार के लिए सरकारी कर्मचारी और तंत्र का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा यूपी सरकार के मंत्री किसी भी मतदान केंद्र पर केवल एक वोटर होने की हैसियत से ही प्रवेश कर सकेंगे।
बंद रहेगा लाउडस्पीकर
वहीं चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवार तय सीमा से अधिक की धनराशि नहीं खर्च कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त रात के 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर भी प्रतिबंधित रहेगा और चुनाव प्रचार के लिए लाउडस्पीकर लगाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का प्रयोग भी नहीं किया जा सकेगा।
जुलूस निकालने पर लेनी होगी अनुमति
इसके अलावा अगर किसी उम्मीदवार को सभा या जुलूस निकालना है तो उसे जिला प्रशासन से पूर्व में अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा उम्मीदवार को ये कोशिश करनी होगी कि उसकी रैली या जुलूस से यातायात प्रभावित न हो।
वहीं जुलूस में असलहे, ईंट-पत्थर, रॉड लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी। जो भी ये कृत्य करता पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
प्रत्याशी नहीं दे पाएंगे कोई लालच
वहीं मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रत्याशी उनको मतदान केंद्र तक नहीं ले जा पाएंगे और न ही उनको घर तक छोड़ सकेंगे।
मतदान करने के लिए मतदाता अपने निजी वाहन से खुद जाकर मतदान कर सकेंगे। इसके अलावा मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे तक चुनाव प्रचार करना प्रतिबंधित रहेगा।